नूंह-पलवल में फिर भड़की हिंसा, उपद्रवियों ने दुकानों में लगाई आग, धार्मिक स्थलों को भी बनाया निशाना, पलायन करने को मजबूर हुए लोग

  • राज्य के कई जिलों में पहुंची हिंसा की आग
  • दुकानों और वाहनों के साथ धार्मिक स्थलों को बनाया निशाना
  • पलायन करने को मजबूर हुए लोग

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-03 10:49 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा की आंच राज्य के 4 जिले तक पहुंच गई है। इन चारों जिलों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। यहां उपद्रवियों को रोकने के लिए पैरामिलिट्री फोर्सेज की 20 टुकड़ियां तैनात की गई हैं। वहीं इस हिंसा में मरने वालों की संख्या 7 हो गई है। जबकि इस मामले में पुलिस ने अब तक 83 केस दर्ज किए हैं। 165 लोगों को गिरफ्तार जबकि 78 को हिरासत में लिया है।

नूंह समेत अन्य जिलों में फिर भड़की हिंसा

जानकारी के मुताबिक नूंह में बुधवार की देर रात उपद्रवियों कई धार्मिक स्थलों पर तोड़फोड़ की और उन्हें आग के हवाले कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू किया। धार्मिक स्थलों के अलावा दंगाईयो ने 3 दुकानों और एक टेम्पों को भी निशाना बनाया। जिसके बाद पुलिस ने 265 लोगों के खिलाफ 5 केस दर्ज किए। वहीं हिंसा के बाद इलाके में डर का माहौल बना हुआ है। लोग अपने घर से बाहर निकलने में डर रहे हैं। 

कर्फ्य में दी गई आंशिक छूट

नूंह में आज 3 दिनों से जारी कर्फ्यू में 3 घंटे की छूट दी गई है। वहीं नूंह के अलावा पलवल, फरीदाबाद और गुरुग्राम जिले में हिंसा को देखते हुए इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि सीईटी स्क्रीनिंग टेस्ट के मद्देनजर यहां दोपहर 1 से लेकर 4 बजे तक इंटरनेट चालू रहेगा, इसके बाद इसे दोबारा बंद कर दिया जाएगा। यह प्रतिबंध 5 अगस्त की तक जारी रहेगा।

बता दें कि हरियाणा के 9 जिले नूंह, गुरुग्राम, पलवल, झज्जर, फरीदाबाद, रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत और महेंद्रगढ़ में धारा 144 लागू है।

अमेरिका ने दिया बयान

नूंह हिंसा पर अमेरिका ने भी बयान दिया है। वहां स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि 'हम सभी से अपील करते हैं कि वो हिंसा से दूर रहें और क्षेत्र में शांति स्थापित करें।'

पलायन को मजबूर हुए लोग

नूंह हिंसा के बाद लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। जिले में लगे कर्फ्यू के चलते दिहाड़ी मजदूर जो रोज-कमाते खाते हैं उनके पास पलायन करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज सुबह बड़ी संख्या में, सिर पर ढेर सारा सामान लादे कई लोग उमस भरी गर्मी में अपने परिवार के साथ नूंह छोड़कर जाते दिखे। मजदूरों का कहना है कि 'उनके परिवार ने दो दिनों से कुछ नहीं खाया है, बच्चों को पीने को दूध नहीं मिला, घर में अन्न का दाना नहीं है। ऐसी स्थिति में कर्फ्यू के खत्म होने का इंतजार नहीं किया जा सकता।'

'भूख से अच्छा तो पैदल चलते-चलते मर जाएं'

मौजूदा समय में हिंसाग्रस्त हरियाणा से वैसी ही तस्वीरें निकल कर सामने आ रही हैं जैसी कोरोना के समय लगे लॉकडाउन में देखी जाती थीं। मजदूर काम न मिलने के चलते अपना मकान और धंधा छोड़कर किसी दूसरी जगह जा रहे हैं। पैदल चलते मजदूरों का कहना है कि 'हम रोज कमाने और खाने वाले लोग हैं। जब काम ही नहीं है तो खाएंगे क्या? खाने के लिए घर में एक अन्न का दाना नहीं है। बच्चे भूख से बिलख रहे हैं। ऊपर से कर्फ्यू के कारण यातायात के सभी साधन बंद हैं तो पैदल चलकर जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। भूखे मरने से तो अच्छा है चलते चलते मर जाएं।'

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