पुणे कांड में बड़ा खुलासा: पुणे पोर्श केस में फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख समेत दो डॉक्टर गिरफ्तार, आरोपी नाबालिग के ब्लड सैंपल बदलने का आरोप

  • पुलिस ने डॉक्टरों के फोन जब्त किए
  • पुणे कांड में पुलिस ने किए नए खुलासे
  • दादा ने पोते को बर्थडे पर गिफ्ट में दी थी लग्जरी कार

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-27 05:12 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। महाराष्ट्र के पुणे पोर्श कांड की जांच में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने फॉरेंसिंक डिपार्टमेंट के प्रमुख समेत 2 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। इन डॉक्टरों पर नाबालिग आरोपी के शराब वाले ब्लड सैंपल गायब करने का आरोप है। नाबालिग को सबसे पहले सुबह 11 बजे मेडिकल टेस्ट के लिए ससून अस्पताल ले जाया गया था। इसी दौरान उसके ब्लड सैंपल को किसी ओर शख्स से बदल दिया गया ,जिससे नाबालिग के ब्लड सैंपल में शराब की पुष्टि नहीं हुई।  

पुलिस को डॉक्टरों पर जब संदेह पैदा हुआ जब पले ब्लड सैंपल की जांच में शराब की पुष्टि नहीं हुई। जबकि दूसरी बार के ब्लड सैंपल में शराब की पुष्टि हुई। संदेह के आधार पर पुलिस ने फॉरेंसिंक डिपार्टमेंट के प्रमुख समेत 2 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। 19 मई को सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने नाबालिग को बचाने के लिए ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ की थी। मामले में इससे पहले दो पुलिसकर्मियों पर भी निलंबित आंच गिर चुकी है।  पुलिस ने दोनों डॉक्टरों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए हैं। पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि हादसे वाले दिन डॉक्टर अजय तावरे और आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल के बीच फोन पर बातचीत हुई थी।

दुर्घटना को अंजाम देने वाले नाबालिग को मेडिकल जांच के लिए पुणे के ससून सरकारी अस्पताल ले जाया गया था। यहां डॉक्टर्  ने नाबालिग का ब्लड सैंपल चेंज कर दिया था।  नाबालिग के परिजनों ने डॉक्टर को पैसों का लालच देकर ऐसा करवाया। ससून अस्पताल में फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के प्रमुख डॉ. अजय तवरे और डॉ. श्रीहरि हरलोल इमरजेंसी विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं। श्रीहरि हरलोल ने ब्लैड सेंपल लिया था, अपराध को छुपाने के लिए छुट्टी पर चल रहे डॉ अजय तवरे ने दूसरे मरीज का ब्लड सैंपल जांच के लिए दिया। लेकिन पुणे पुलिस ने नाबालिग के खून के नमूने को डीएनए परीक्षण के लिए दूसरे लेबल पर भेजने का फैसला किया था। 

आपको बता दें 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को कुचल दिया था।जिसमें दोनों इंजीनियरों की मौत हो गई। हिट एंड रन के इस मामले में कोर्ट ने 14 घंटे बाद कोर्ट ने आरोपी नाबालिग को सशर्त जमानत दी थी। , पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था. नाबालिग इस समय सुधार गृह में है।

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