नीट पेपर लीक मामला: सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा धांधली से जुड़ी कई याचिकाओं पर आज सुनवाई, देशभर के लाखों स्टूडेंट, अभिभावकों और टीचर्स की नजर
- सुप्रीम कोर्ट में आज फिर से होगी सुनवाई
- सुनवाई से पहले एमसीसी ने रद्द कर दी काउंसलिंग
- नीट पर केंद्र की क्लीयर बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में कई दिनों के इंतजार के बाद आज फिर नीट पेपर लीक मामले में सुनवाई शुरु हो गई है। परीक्षा रद्द की मांग समेत 38 याचिकाओं पर शीर्ष कोर्ट सुनवाई करेगा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की मांग के बाद सुप्रीम कोर्ट नीट मामले की सभा याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। देश के लाखों नीट एस्पीरेंट्स, पेरेंट्स और कोचिंग टीचर्स की नजर आज सुनवाई पर है। सभी लोग इस सुनवाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं, इससे पहले 5 मई को नतीजे सामने आने के बाद कई छात्र और कोचिंग सेंटर्स ने एनटीए के खिलाफ याचिकाएं दर्ज की थी। आपको बता दें सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच आज सुबह 10:30 बजे के बाद नीट याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। बेंच में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ समेत दो अन्य न्यायाधीश जेबी परदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल है।
नीट यूजी रद्द होने पर एनटीए की राय
कुछ केंडिडेट्स नीट यूजी को रद्द करने की मांग कर रहे हैं तो कुछ इसके खिलाफ हैं। वहीं, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 5 जुलाई (शुक्रवार) को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि बिना किसी सबूत के नीट यूजी परीक्षा को रद्द नहीं किया जाना चाहिए। एनटीए का मानना है कि मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम रद्द होने से इसमें पार्टिसिपेट किए हुए लाखों ईमानदार अभ्यार्थियों के फ्यूचर में इससे बुरा असर पड़ सकता है। नीट यूजी परीक्षा 5 मई को 571 शहरों में स्थित 4750 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया गया था।
नीट यूजी काउंसलिंग
नीट यूजी काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होने वाली थी। लेकिन बीते दिन मेडिकल काउंसलिंग कमेटी यानि एमसीसी ने नीट यूजी काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है। एमसीसी नए सिरे से तारीखों का ऐलान करेगी।
री-एग्जाम पर केंद्र सरकार के विचार
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने री-एग्जाम को लेकर अपना पक्ष रखा है। शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दर्ज करके नीट एग्जाम को रद्द करने का विरोध किया। सरकार ने हलफनामे में कहा कि सबसे ज्यादा गड़बड़ी केवल पटना और गोधरा केंद्रों में हुई थी और व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए। अनुचित साधनों और पेपर लीक के व्यक्तिगत उदाहरणों से पूरी परीक्षा खराब नहीं हुई है। अगर परीक्षा प्रक्रिया रद्द कर दी जाती है तो लाखों छात्रों के फ्यूचर करियर से जुड़े बड़े सार्वजनिक हित के लिए हानिकारक हो सकता है। पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच कर रही है। ये बातें शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामें में कही हैं।