37 साल से था टिन-वाला स्कूल, अब मिली शानदार बिल्डिंग, स्कूल में हैं 1600 छात्राएं

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-12 14:16 GMT
New Delhi: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal with Education Minister Atishi during the inauguration of a new school building, in New Delhi, Monday, June 12, 2023. (Photo:IANS/Twitter)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते 37 सालों से राजधानी दिल्ली के एक स्कूल को टिन-वाला स्कूल के नाम से जाना जाता था। हालांकि अब 37 वर्ष बाद दिल्ली के इस सरकारी स्कूल को शानदार बिल्डिंग का तोहफा मिला है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को उत्तम नगर में इस गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया। यह स्कूल 1985 से टीन शेड में चल रहा था, जहां करीब 1600 छात्राएं कक्षा 6 से 12वीं तक शिक्षा ले रही हैं।

ढाई साल से कम समय में बनकर तैयार हुए इस शानदार स्कूल में लिफ्ट समेत सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। इस आधुनिक स्कूल में कुल 104 रूम है। इसमें 41 रूम क्लास के लिए इस्तेमाल होंगे। जबकि 12 रूम लैब, दो लाइब्रेरी, एक मल्टी परपज हॉल, 17 स्टाफ रूम समेत अन्य जरूरतों के लिए उपयोग किए जाएंगे।

दिल्ली सरकार के मुताबिक पूरा स्कूल करीब 9,630 वर्ग मीटर एरिया में फैला है। इसमें से 2107.935 वर्ग मीटर में भूतल एरिया है। लाइब्रेरी, ऑफिस और स्टाफ रूम, विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए गतिविधि रूम, हर मंजिल पर शौचालय ब्लॉक और लिफ्ट भी लगी है। साथ ही, 250 लोगों के बैठने की क्षमता का एक बहुउद्देश्यीय ऑडिटोरियम भी है। यह स्कूल लड़कियों का है। यह स्कूल 6 से 12 तक संचालित किया जाता है।

फिलहाल स्कूल में करीब 1600 लड़किया पढ़ती है। इस स्कूल से सटे दो और स्कूल बिल्डिंग हैं। एक स्कूल बिल्डिंग सीनियर सेकेंडरी बॉयज के लिए हैं, जिसमे करीब 1100 छात्रों का नामांकन है। जबकि दूसरी बिल्डिंग सर्वोदय विद्यालय की है। इसमें दो शिफ्टों में कक्षाएं चलती हैं और यहां हर शिफ्ट में 1600 छात्र हैं। इस परिसर के 4 स्कूलों में लगभग 6000 छात्र पढ़ते हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यहां आईं बच्चियों के चेहरे पर खुशी और चमक दिखाई दे रही है। अभिभावकों के चेहरे पर भी यह आत्मविश्वास दिखाई दे रहा है कि अब हमारा बच्चा बड़ा होकर परिवार और समाज के लिए कुछ कर सकता है। जबकि पहले गरीब घरों के माता-पिता यही सोचते थे कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई तो होती नहीं है तो फिर बच्चे को स्कूल भेजकर क्या करेंगे। सिर्फ समय ही बर्बाद होगा। इससे अच्छा तो ये है कि बच्चे को कहीं काम पर लगा दो तो कमा कर कुछ पैसे घर लाएगा। दिल्ली में माता-पिता के अंदर अब यह सोच खत्म हो गई है। दिल्ली में एक-एक कर शानदार स्कूल बन रहे हैं। अब चंद स्कूलों की बिल्डिंग ही बननी रह गई हैं। बाकी दिल्ली सरकार के लगभग सभी स्कूल शानदार बन गए हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के अंदर दिल्ली में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम का अनुभव बहुत ही अच्छा रहा है। बच्चों ने अब सोचना शुरू कर दिया है। आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में लगभग तीन लाख बच्चे पढ़ते हैं। जब इन तीन लाख बच्चों को बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम में शामिल किया गया तो 52 हजार टीम बनकर तैयार हुईं। इसमें प्रत्येक टीम एक-एक बिजनेस आइडिया पर काम कर रही है।

सीएम ने कहा, मैंने सुना है कि कई जगह बच्चे काफी नए और रचनात्मक तरीके से काम कर रहे हैं। अब हमें इसको और आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा तो सबके लिए जरूरी है, लेकिन शिक्षा का एक उद्देश्य ही रोजगार होना चाहिए। अगर नौकरी के बिना हम बच्चों को सिर्फ डिग्री देकर छोड़ दें तो उसका कोई फायदा नहीं है। अब हम सकको मिलकर इसी दिशा में काम करना है। मैंने अपने 7-8 वर्षों के अनुभव में यह देखा है कि जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। सब मुमकिन है। बस इसके लिए अच्छी नीयत चाहिए और सबको मिलकर मेहनत करने की जरूरत है।

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