वतन वापसी: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले के तीन दोषी श्रीलंका लौट गए

  • तीनों दोषी श्रीलंकाई नागरिक हैं
  • नवंबर 2022 को सात दोषियों को रिहा किया
  • रिहाई के बाद तिरुचिरापल्ली में एक विशेष शिविर में ठहरे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-03 11:34 GMT

डिजिटल डेस्क,चेन्नई। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में रिहा किए तीनों दोषी बुधवार को श्रीलंका लौट गए। तीनों दोषी श्रीलंकाई नागरिक हैं। राजीव गांधी की हत्या के सात दोषियों को 2022 में रिहा किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, मुरुगन उर्फ श्रीहरन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस श्रीलंका के एक विमान से अपने देश रवाना हुए। राजीव गांधी हत्या मामले में एक अन्य श्रीलंकाई नागरिक संथन की मौत हो गई थी। इसके अलावा जिन अन्य लोगों को राजीव गांधी हत्या मामले में रिहा किया गया था। वे पेरारिवलन, रविचंद्रन और नलिनी हैं. ये सभी भारतीय नागरिक हैं

सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से मिली जानकारी के मुताबिक भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने राजीव हत्याकांड के मामले में नवंबर 2022 को सात दोषियों को रिहा किया था, जिसमें ये तीनों श्रीलंकाई नागरिक भी शामिल थे।दोषियों की रिहाई के बाद उन्हें तिरुचिरापल्ली में एक स्पेशल कैंप में रखा गया था। वे कल रात यहां पहुंचे और आज बुधवार कोलंबो के लिए रवाना हुए।

तमिलनाडु सरकार ने पूर्व में मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) द्वारा निर्वासन आदेश जारी करने के बाद वे (सभी दोषी) घर वापस जा सकते हैं। चेन्नई स्थित श्रीलंकाई उच्चायोग पहले ही तीनों की वतन वापसी के लिए ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स जारी किए थे।

आपको बता दें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु में एक चुनावी रैली के दौरान एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी। उन्हें एक महिला ने माला पहनाई थी, इसके बाद धमाका हो गया। हादसे में 18 लोगों की मौत हुई थीस कई लोग घायल हो गए थे। हत्याकांड में 41 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से 12 लोगों की मौत हो चुकी थी और तीन फरार हो गए थे।आरोपियों पर टाडा कानून के तहत कार्रवाई की गई। सात साल तक चली कानूनी कार्यवाही के बाद 28 जनवरी 1998 को टाडा कोर्ट ने हजार पन्नों का फैसला सुनाया। इसमें सभी 26 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई। फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। एक साल बाद सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने 26 में से 19 दोषियों को रिहा कर दिया। सिर्फ 7 दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा गया था। बाद में इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। अब इन सभी सात आरोपियों को रिहा कर दिया गया। 

मामले में दोषी ठहराए गए एक अन्य श्रीलंकाई नागरिक संथन की हाल ही में यहां मौत हो गई थी। इस मामले में जिन अन्य लोगों को दोषी ठहराया गया और रिहा किया गया वे सभी भारतीय हैं। रिहा किये गये दोषियों में पेरारिवलन, रविचंद्रन और नलिनी शामिल हैं। सभी सातों दोषियों ने 30 वर्षों से अधिक समय जेल में बिताया था।

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