मौसम अलर्ट: जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश अगले सात दिनों तक होगी बारिश और बर्फबारी, मौसम विभाग ने दी ताजा जानकारी
- उत्तर भारत में अगले तीन दिनों में मिलेगी ठंड से राहत
- जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश अगले सात दिनों तक होगी बारिश और बर्फबारी
- मौसम विभाग ने दी ताजा जानकारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर भारत राज्य में रहने वाले लोगों को ठंड से राहत मिलने वाली है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार से पांच दिनों में उत्तर भारत के राज्यों में न्यूनताम तापमान दो से चार डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। जिसके चलते यहां रहने वाले लोगों को ठंड से राहत मिलेगी। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि अगले तीन दिनों में उत्तर भारत में रहने वाले लोगों को कोहरे से भी राहत मिलेगी। उत्तर भारत समेत कई राज्य में मौसम बेहतर होने वाला है।
इन राज्यों में होगी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, 28 जनवरी से 3 फरवरी तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की बारिश हो सकती है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में 30 जनवरी और 31 जनवरी के बीच भारी बारिश होगी। यूपी और बिहार में अगले दो तीन दिनों तक घना कोहरा छाया रहेगा। इसके यहां के लोगों को कोहरे से राहत मिलना शुरू होगा।
हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, यूपी बिहार, मध्य प्रदेश और पंजाब में न्यूनतम तापमान 6-9 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है। वहीं, रविवार के दिन सबसे कम तापमान उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दर्ज किया गया। रविवार को यहां का न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस रहा। पश्चिम बंगाल में शीतलहर जारी है। वहीं, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है।
बारिश और बर्फबारी का अलर्ट
मौसम विभाग ने वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से कई राज्यों में बारिश अलर्ट जारी किया गया है। इधर, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश में अगले सात दिनों तक बारिश और बर्फबारी होगी। वहीं, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड, पश्चिमी यूपी में 31 जनवरी से 2 फरवरी के बीच हल्की बारिश हो सकती है।
मौसम का हाल
उत्तर प्रदेश के अधिकांश स्थानों में 28 जनवरी को और कुछ स्थानों में 29 जनवरी को रात / सुबह के समय घना से बहुत घना कोहरा (दृश्यता < 50 मीटर) छाए रहने की संभावना है। आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में कोल्ड डे से लेकर सीवियर कोल्ड डे की स्थिति बनी रही। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में और उत्तराखंड और बिहार के मैदानी इलाकों के अलग-अलग इलाकों में ऐसी ही स्थिति देखने को मिली।