दिल्ली चलों मार्च: दिल्ली कूच को अमादा किसानों की सरकार के साथ बैठक रही बेनतीजा, बोले किसान संगठन - 'सरकार हमारी मांगों पर गंभीर नहीं'
- आज होगा अन्नदाताओं का दिल्ली कूच
- किसान संगठन और सरकार के बीच हुई बैठक रही बेनतीजा
- कई मुद्दों पर नहीं बनी बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली कूच से पहले किसान संगठनों की केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा के साथ हुई बैठक बेनतीजा रही। साढ़े पांच घंटे चली इस बैठक के बाद किसान संगठनों ने सरकार पर उनकी मांग न मानने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि किसानों का दिल्ली कूच जारी रहेगा। वह किसी भी कीमत पर एमएसपी पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। बता दें कि इससे पहले ये खबर आई थी कि किसानों और सरकार के बीच हुई बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बन गई है, जिनमें बिजली अधिनियम 2020 रद्द करना, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना और 2021 में हुए किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों पर दर्ज सभी केस वापस लेना शामिल है।
किसानों के साथ हुई बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, "केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बैठक पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, "किसान संगठनों के साथ गंभीरता से बातचीत हुई। सरकार हमेशा चाहती है कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकले। अधिकांश विषयों पर हम सहमति तक पहुंचे लेकिन कुछ विषयों पर हमने स्थाई समाधान के लिए कमेटी बनाने को कहा। हम अभी भी मानते हैं कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से हो सकता है। हम आशान्वित है कि आगे बातचीत के जरिए हम समाधान निकाल लेंगे।"
सरकार हमारी मांगों पर गंभीर नहीं - किसान मजदूर मोर्चा
सरकार के साथ हुई बैठक पर बात करते हुए किसान मजदूर मोर्चा का कहना है कि सरकार हमारी मांगों पर गंभीर नहीं है। उनके मन में खोट, वो हमें कुछ देना नहीं चाहते हैं। मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है, वे बस समय निकालना चाहते हैं। हम लोगों ने पूरी कोशिश की है कि हम मंत्रियों से लंबी बातचीत करें और कोई निर्णय निकले लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।"
बता दें कि किसान संगठन आज सुबह 10 बजे से दिल्ली की तरफ आगे बढ़ेंगे। वहीं दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया है कि मंगलवार की सुबह किसानों के दिल्ली चलों मार्च में करीब 20 हजार लोगों के अलावा 25 सौ ट्रैक्टर्स दिल्ली पहुंच सकते हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया कि प्रदर्शनकारी किसान हरियाणा और पंजाब के सीमाई इलाकों में मौजूद हैं जो दिल्ली में दाखिल होने के तैयार हैं। वहीं सरकार की ओर से दिल्ली और हरियाणा पुलिस को ये सख्त निर्देश दिए गए हैं किसानों को दिल्ली की सीमा में दाखिल न होने दिया जाए।
क्या हैं किसानों की मांगे?
किसान संगठनों ने जिन मांगो को लेकर दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है उनमें से प्रमुख मांगे हैं, फसलों की एमएसपी पर खरीद का गारंटी कानून बने किसान और खेतिहर मजदूरों का कर्जा माफ हो और उन्हें पेंशन दी जाए
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों की कीमत तय की जाए
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 फिर से लागू हो
- किसान में आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार वालों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए
- मनरेगा के तहत प्रति वर्ष 200 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाए, मजदूरी प्रतिदिन बढ़ाकर 700 रुपये की जाए
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगे
- लखीमपुर खीरी कांड में दोषियों को सजा मिले
- नकली बीज, कीटनाशक और खाद बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जाए
- बिजली संशोधन विधेयक 2020 रद्द किया जाए मसाले वाली फसलों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए