आतंकियों की अब खैर नहीं: जम्मू-कश्मीर से होगा आतंकवाद का सफाया, पाकिस्तान की नापाक करतूतों पर लगाम लगाने के लिए सेना ने शुरू किया 'ऑपरेशन सर्वशक्ति'

  • पाकिस्तान पोषित आतंकियों की अब खैर नहीं
  • भारतीय सेना ने शुरू किया यह खास ऑपरेशन
  • पीर पंजाल पर्वतमाला से होगा दहशतगर्दों को सफाया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-13 18:04 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के पाकिस्तानी मंसूबों को विफल करने के लिए भारतीय सेना ने बड़ा एक्शन लिया है। घाटी में लगातार हो रहीं आतंकी वारदातों पर लगाम लगाने के लिए भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सर्वशक्ति' शुरू कर दिया है। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में पीर पंजाल पर्वतमाला के दोनों किनारों पर एक्टिव आतंकवादियों को निशाना बनाएंगे। सूत्रों के मुताबिक यह एक संयुक्त आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन है जिसे जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप और खुफिया एजेंसियां मिलकर अंजाम देंगी।

बता दें कि पीर पंजाल पर्वतमाला ही वो स्थान है जहां के दक्षिण इलाके पाकिस्तान पोषित आतंकवादी समूहों ने राजौरी और पूंछ सेक्टर में आतंकवादी एक्टिविटी दोबारा शुरू करने का प्रयास किया है। हाल ही में इन दोनों ही जगहों पर लगातार आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें सेना के 20 जवान शहीद हो चुके हैं।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया, "ऑपरेशन सर्वशक्ति के तहत पीर पंजाल पर्वतमाला के दोनों किनारों से संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया जाएगा।" एजेंसी के मुताबिक, ऑपरेशन सर्वशक्ति को ऑपरेशन सर्पविनाश की तर्ज पर शुरू किया जाएगा।

क्या था सर्पविनाश ऑपरेशन?

सेना ने साल 2003 में पीर पंजाल पर्वतमाला के दक्षिणी इलाके से आतंकवादियों को खत्म करने के लिए ऑपरेशन सर्पविनाश शुरू किया था। जिसके बाद इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां लगभग खत्म हो गई थीं। इस को लेकर हाल ही में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि 2003 के बाद से इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां लगभग खत्म हो गई थीं, लेकिन अब यहां दोबारा आतंकवादी एक्टिविटीज शुरू हो गई हैं। उन्होंने आगे कहा था कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सेना और खुफिया एजेंसियों के साथ इसे लेकर एक सुरक्षा बैठक भी हुई थी जिसके तुरंत बाद सर्पविनाश ऑपरेशन की तर्ज पर ही इस नए ऑपरेशन की योजना बनाई गई थी।

बता दें कि इसी साल 11 जनवरी को पूंछ सेक्टर के कृष्णा घाटी इलाके में आतंकियों ने सेना के काफिले पर हमला किया गया। इसके अलावा बीते साल 21 दिसंबर को राजौरी सेक्टर में भी आतंकवादियों ने सेना के काफिले पर हमला किया था जिसमें चार जवान शहीद जबकि 5 घायल हो गए थे।

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