सूरत ट्रैक साजिश मामला: रेलवे का कर्मचारी ही निकला मास्टरमाइंड, प्रमोशन और इनाम पाने की लालच में पटरी पर फिश पलेट रख सूचना दी

  • सूरत ट्रैक साजिश मामले में बड़ा खुलासा
  • गिरफ्तार हुआ मुख्य साजिशकर्ता
  • रेलवे के कर्मचारी ने प्रमोशन पाने की लालच में रची साजिश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-23 16:42 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। गुजरात के सूरत में 20 सितंबर को रेलवे ट्रैक से फिश प्लेट और 71 कीज हटाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि फिश प्लेट रखे होने की खबर देने वाला की मैन ही साजिशकर्ता है। उसने पुलिस की पूछताछ में अपना जुर्म कबूल लिया है। आरोपी का नाम सुभाष कुमार पोद्दार है।

आरोपी सुभाष ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने इनाम और प्रमोशन की लालच में दो अन्य कर्मचारियों की सहायता से यह साजिश रची थी। आरोपी के मुताबिक उसने सोच थी कि बड़ा हादसा टालने की उसकी सतर्कता के चलते उसे प्रमोशन और इनाम मिल जाएगा। इसके बाद उसने रेलवे में ट्रेकमेन मनीष कुमार मिस्त्री और शुभम जायसवाल की मदद से कीज और फिश प्लेट निकाली थीं। बता दें कि स्थानीय पुलिस के साथ इस केस की जांच रेलवे पुलिस और एनआईए कर रही हैं।

पुलिस ने मुताबिक तीनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल लिया है। मुख्य साजिशकर्ता सुभाष पोद्दार था। उसने बाकी दो आरोपियों से कहा कि रेल हादसा रोकने की वजह से वो सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध हो जाएंगे। तीनों बतौर ट्रैकमैन ट्रैक को मेंटेन करने की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

बुरहानपुर मामले में भी रेलवे कर्मचारी ही निकला आरोपी

उधर मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में 18 सितंबर को आर्मी की स्पेशल ट्रेन को डेटोनेटर्स उड़ाने की साजिश रचने वाला भी रेलवे का ही कर्मचारी ही निकला। 23 सितंबर को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर खंडवा सिविल कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जगत प्रताप अटल की कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने उसे 25 सितंबर तक रिमांड दी है।

गिरफ्तार आरोपी का नाम साबिर है जो कि मेट के पद पर कार्यरत है। उसका काम रेलवे ट्रैक पर पेट्रोलिंग करना है। घटना वाले दिन ही साबिर को आरपीएफ ने कस्टडी में ले लिया था। उस पर डेटोनेटर चुराने के आरोप में एफआईआर की गई है।

आरपीएफ के मुताबिक, 'रेलवे संपत्ति (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम की धारा 3 (ए) के तहत डेटोनेटर चोरी करने के आरोप में रविवार को साबिर के खिलाफ केस दर्ज किया था। सिर्फ दो या तीन सरकारी विभागों के पास ये डेटोनेटर होते हैं। इन्हें आरोपी को आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया था।' पुलिस ने बताया कि साबिर ने पूछताछ में दावा किया है कि घटना वाले दिन वह ड्यूटी पर नहीं था और नशे में था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि वह ड्यूटी लगाए जाने से नाराज था, गुस्से मे आकर उसने ये कदम उठाया। 

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