पतंजलि विज्ञापन मामला: सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को लगाई लताड़, माफीनामा किया खारिज, कहा - कार्रवाई के लिए हो जाए तैयार
- सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले की हुई सुनवाई
- अदालत ने बाबा रामदेव को लगाई फटकार
- दूसरे माफीनामे को किया खारिज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि की ओर से कोरोना की दवाई के भ्रामक विज्ञापनों के प्रचार मामले में कड़ा एक्शन लिया है। कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के माफीनामा को खारिज कर दिया। अदालत ने सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव को फटकार लगाते हुए कहा कि हम अंधे नहीं है, जो पूरी चीज को देख और समझ रहे हैं। बता दें, कोर्ट में बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी की ओर से यह दूसरा माफीनामा था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने इस मामले पर कहा कि आप अवमानना की कार्रवाई के लिए तैयार हो जाएं।
सुप्रीम कोर्ट की बाबा रामदेव को लगाई लताड़
पंतजलि के विवादित विज्ञापन से जुडे़ मामले में कोर्ट ने सुनवाई के समय कहा कि हम आपकी बात से सहमत नहीं है। इसलिए हम आपके दूसरे माफीनामे की याचिका को खारिज कर रहे हैं। अदालत में बाबा रामदेव की तरफ से केस लड़ रहे शीर्ष वकील मुकुल रोहतगी ने कुछ समय की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस केस के लिए उन्हें 10 दिनों का समय चाहिए। ताकि वह मामले की अगली सुनावई में अपना पक्ष रख सकें। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर बाबा रामदेव ने पहले ही मांफी मांगी ली थी। योग गुरु ने कोर्ट में कहा था कि पतंजलि की ओर से प्रचारित विज्ञापनों को रोक दिया जाएगा। लेकिन, इसके बावजूद भ्रामक विज्ञापनों का प्रचार होता रहा। इसे देखते हुए कोर्ट ने यह ठोस कदम उठाया है। अदालत ने कहा कि यह कागजी माफी है। कोर्ट के आदेश के बावजूद आप इन विज्ञापनों का प्रचार करते रहें। इसलिए हम आपके माफीनामे को खारीज किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि अब आप आगे की कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
कोर्ट ने कहा - मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी
कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस अमानुल्लाह और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच कर रही है। उन्होंने बाबा रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि हम अंधे नहीं है। इसके बचाव में रोहतगी ने कहा कि लोगों से गलती हो जाती है। इसके बाद बेंच ने कहा कि यदि गलती हो जाती है, तो इसके भुगतान के लिए भी तैयार रहें। इस मामले में हम बड़ी सख्ती के साथ कार्रवाई करेंगे। हम इसमें कोई उदारता नहीं दिखाएंगे। कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी बाबा रामदेव का बयान पढ़कर सुनाते हैं। इस बयान में बाबा रामदेव ने कहा है कि वह बिना किसी के मांफी मांगते हैं। वहीं, कोर्ट में इस मामले पर जस्टिस कोहली ने केंद्र सरकार को लताड़ लगाई है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने जानबूझकर इस मामले को उजागर होने और अवमानना करने वालों पर चुप्पी साधे रहे। अदालत ने केंद्र सरकार से अधिकारियों के कुछ न करने पर भी सवाल उठाया है।