भारतीय संविधान: सुको आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे पर सुनाएगा बड़ा फैसला
- संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत मिला अधिकार
- आर्टिकल -30 के अंतर्गत अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने के मानदंड क्या?
- एएमयू की याचिका पर 7 जजों की संविधान पीठ करेगी सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत आज शुक्रवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे पर फैसला सुनाएगा। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय संविधान पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। आज सीजेआई का आखिरी वर्किंग डे है। इसके बाद 10 नवंबर को चंद्रचूड़ रिटायर हो रहे है। आपको बता दें सात न्यायाधीशों की बेंच ने आठ दिन सुनवाई कर एक फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। अब 9 महीने बाद मामले में फैसला आने वाला है।
एएमयू की याचिका पर 7 जजों की संविधान पीठ में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायाधीश सूर्यकांत, न्यायाधीश जेबी पारदीवाला, न्यायाधीश दीपांकर दत्ता, न्यायाधीश मनोज मिश्रा और न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा शामिल हैं।
आपको बता दें सुको अपने फैसले में यह तय करेगा कि किसी शैक्षणिक संस्थान को संविधान के आर्टिकल -30 के अंतर्गत अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने के मानदंड क्या हैं।
संविधान का अनुच्छेद 30?
भारतीय संविधान अनुच्छेद 30 के अंतर्गत भारत में धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यक समुदायों को अपने धार्मिक और शैक्षिक अधिकारों का संरक्षण प्राप्त है। ये अनुच्छेद अल्पसंख्यक समुदायों को उनके सांस्कृतिक, धार्मिक और शैक्षिक अधिकारों के संरक्षण की गारंटी देता है, ताकि वे अपनी पहचान बनाए रख सकें और प्रगति कर सकें।
अनुच्छेद 30 के अंतर्गत कोई भी अल्पसंख्यक समुदाय अपने धार्मिक और शैक्षिक गतिविधियों के लिए संस्थान स्थापित कर उनका संचालन कर सकता है। राज्य ऐसे संस्थानों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, जब तक कि वह संस्थान राष्ट्रीय हित और अन्य कानूनी मानकों के खिलाफ न हो।