मौसम अपडेट: पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते एमपी में बर्फीली हवाएं हुईं तेज, कोहरे का कहर भी हुआ शुरू, जानें कैसा रहने वाला है आज का मौसम
- पहाड़ों पर बर्फबारी हुई चालू
- एमपी के मौसम में दिखा बड़ा बदलाव
- जानें अपने शहर के मौसम का हाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एमपी में ठंड ने दस्तक दे दी है। वहीं, पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के चलते मैदानी इलाके भी काफी सर्द हैं। साथ ही ठंडी हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। इसके अलावा प्रदेश में कोहरा भी बढ़ गया है जिसके चलते विजिबिलिटी कम हो गई है। सुबह और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, तापमान में और अधिक गिरावट दर्ज की जा सकती है। साथ ही कड़ाके की ठंड भी पड़ना संभावित है।
कैसा चल रहा है प्रदेश का मौसम?
कई दिनों से प्रदेश का तापमान स्थिर बना हुआ है। लेकिन कई जगहों के न्यूनतम तापमान के साथ-साथ अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। साथ ही बीते 4-5 दिनों से प्रदेश में काफी ठंड बढ़ गई है। साथ ही कोहरे और धुंध ने भी जगहें घेरी हुई हैं। जिसके चलते विजिबिलिटी कम हो गई है। वहीं बात करें एक्यूआई की तो प्रदेश में वायु गुणवत्ता बहुत खराब नहीं है लेकिन कई शहरों में एक्यूआई 300 के पार दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, धुंध का एक कारण वायु प्रदूषण भी हो सकता है।
पचमढ़ी रहा सबसे ठंडा
एमपी का इकलौता हिलस्टेशन पचमढ़ी बुधवार को काफी ठंडा रहा था। बता दें, कुछ दिनों से पचमढ़ी का तापमान 10 डिग्री बना हुआ है। इसके अलावा कई बार 7-9 के बीच के तापमान में भी दर्ज किया गया है। वहीं, अन्य जगहों की बात करें तो ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर के अलावा कई और शहर के तापमान भी सामान्य से कम दर्ज किए जा रहे हैं।
कहां है कोहरे का कहर?
मौसम विभाग के मुताबिक, भोपाल के साथ-साथ कई और जगहों पर कोहरा छाया हुआ है। जिसमें रायसेन, विदिशा, भिंड, मुरैना, दतिया, सीहोर, निवाड़ी, टीकमगढ़, देवास के साथ कई और जगहें शामिल हैं। जिस वजह से विजिबिलिटी भी काफी कम हो गई है। वहीं, आने वाले कुछ दिनों में रात के तापमान में भी भारी गिरावट देखने मिलेगी। साथ ही मौसम विभाग की तरफ से मौसम के बदलावों से खुद को बचाने की सलाह दी गई है।
स्कूलों के समय में बदलाव
मौसम विभाग की तरफ से स्कूलों का समय आगे बढ़ाने की सलाह दी गई है। अगले हफ्ते तक प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी स्कूल के समय में भी बदलाव होगा। जिससे बच्चों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।