मंदिर निर्माण: 6.5 से 7.5 तीव्रता का भूकंप भी नहीं हिला सकेगा मंदिर की नींव, 1000 सालों तक मजबूत बना रहेगा भगवान राम का पूजा स्थल
- 1000 सालों तक राम मंदिर के अक्षुण्ण रहने का दावा
- भव्य राम मंदिर के निर्माण में तकनीक का पुरजोर इस्तेमाल
- 6.5 से 7.5 तक के भूकंप से भी रहेगी सुरक्षित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वर्षों के संघर्ष के बाद जब राम मंदिर का सपना साकार होने को आया तो इसके निर्माण में हर बारीकी पर पूरा ध्यान दिया गया। मंदिर की भव्यता और साज-श्रृंगार के साथ इसकी मजबूती सुनिश्चित करने का भी भरपूर प्रयास किया गया है। मंदिर निर्माण में कार्यदायी संस्था के इंजीनियर के हवाले से रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि राम मंदिर की नींव भूकंपरोधी है। दावा किया जा रहा है कि मंदिर 6.5 से 7.5 तक के भूकंप को सहन करने में सक्षम है। यही नहीं मंदिर के 1000 सालों तक अक्षुण्ण रहने का दावा भी किया जा रहा है।
पत्थरों से बनाया गया है मजबूत नींव
मंदिर की नींव में विशाल पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। नींव के लिए कर्नाटक से विशेष ग्रेनाइट पत्थर अयोध्या मंगवाया गया है। मंदिर निर्माण में करीब 17 हजार ग्रेनाइट पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इन सभी पत्थरों का वजन लगभग 2 टन बताया जा रहा है। नींव के साथ-साथ मंदिर के संरचना को पिलरों के जरिए भी मजबूती दी गई है। राम मंदिर में लगभग 392 पिलर्स हैं जिससे इसकी मजबूती का अंदाजा लगाया जा सकता है। नींव की तरह पिलर बनाने में भी मजबूत पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।
नींव की पूरी संरचना की बात करें तो जमीन के भीतर करीब 50 फीट गहरी नींव है। इसके ऊपर करीब ढाई फीट की राफ्ट ढाली गई है और फिर प्लिंथ का निर्माण किया गया है। प्लिंथ बनाने के लिए मिर्जापुर से लाए गए करीब 4 लाख क्यूबिक फीट गुलाबी संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। 21 फीट ऊंची प्लिंथ के ऊपर नागर शैली में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया गया है।
परकोटे से मिलेगी अतिरिक्त मजबूती
मंदिर को अधिक मजबूती देने के लिए परकोटा भी बनाया गया है। तीनों दिशाओं में बना 16 फीट ऊंचा परकोटा मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने का काम करेगी। इसके अलावा मंदिर को और सुरक्षित बनाने के लिए चारों दिशाओं में लगभग 40 फीट गहरी रिटेनिंग वॉल यानि सुरक्षा दीवारों को निर्माण भी किया गया है।