Starlink In India: एलन मस्क की स्टारलिंक आई तो खतरे में पड़ सकता है आपका निजी डाटा? एक शोध संस्थान ने जताई इस खतरे की आशंका

  • स्टारलिंक के साथ जल्द ही भारत में एंट्री ले सकते हैं मस्क
  • थिंक टैंक 'कूटनीति फाउंडेशन' ने स्टारलिंक को देश के लिए बताया खतरा
  • 150 एमबीपीएस है स्टारलिंक के इंटरनेट की स्पीड

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-13 13:53 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिग्गज अमेरिकी व्यापारी, निवेशक और इंजीनियर एलन मस्क जल्द ही अपनी कंपनी स्टारलिंक के साथ भारत में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस की सुविधा शुरु कर सकते हैं। मस्क की एंट्री से भारतीय अरबपती मुकेश अंबानी की जीयो, सरकारी कंपनी बीएसएनएल और सुनील भारती मित्तल की एयरटेल को काफी कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में अपनी सुविधा शुरु करने के लिए लाइसेंस पाने की आवश्यकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया में है। उनकी बातों से यह साफ जाहिर होता है कि जल्द ही स्टारलिंक को भारत में अपनी इंटरनेट सुविधा लॉन्च करने का लाइसेंस दिया जा सकता है। इसी बीच थिंक टैंक 'कूटनीति फाउंडेशन' ने स्टारलिंक के देश में लॉन्च होने पर डाटा चोरी की आशंका जाहिर की है। 

शोध संस्थान कूटनीति फाउंडेशन का मानना है कि एलन मस्क की स्टारलिंक के अमेरिकी खुफिया तथा सैन्य एजेंसी के साथ गहरे संबंध है, ऐसे में उन्हें देश में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड कराने का लाइसेंस देना राष्ट्रीय हितों के लिए बाधक बन सकता है। थिंक टैंक ने स्टारलिंक को "भेड़ की वेश में भेड़िया" करार दिया है। इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि कंपनी के सबसे बड़े ग्राहक अमेरिकी सरकार और वहां की खुफिया और सैन्य एजेंसी है। आगे उन्होंने कहा कि हमारे देश में आज भी टॉवरों के जरिए यह सर्विसेज लोगों तक पहुंचाए जाते हैं। लेकिन स्टारलिंक उपग्रह या सैटकॉम से यह प्रदान करेगी। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई है कि यह उपग्रह देश के बाहर से नियंत्रण किए जाएंगे ऐसे में यहां के लोगों की डाटा पर खतरा हो सकता है।

थिंक टैंक ने इस विषय पर अपनी एक रिपोर्ट में कहा, "स्टारलिंक उपग्रहों का समूह दुनिया भर में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं का एक नया रूप है, जो भौगोलिक सीमांकन और प्राकृतिक सीमाओं से बंधा नहीं है। दुनिया के हर नागरिक तक सीधी पहुंच है, जिसमें उपयोगकर्ता और अमेरिकी के बीच कोई शासन संरचना नहीं है।"

अब दूर-दराज इलाकों में भी मिलेगा हाई स्पीड इंटरनेट

जानकारी के लिए बता दें, स्टारलिंक एक सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है। इसके जरिए कंपनी दूर-दराज के इलाकों में बिना तार और टॉवर के तेज इंटरनेट सुविधा यूर्जस के लिए उपलब्ध कराती है। आज के दौर में ज्यादातर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी फाइबर ऑप्टिक केबल तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। इसके जरिए शहरों में तो हाई स्पीड इंटरनेट मिल जाती है लेकिन गावों और पहाड़ी इलाकों में इस तकनीक का इसतेमाल काफी मुश्किल होता है। इसके अलावा आंधी और बारिश के मौसम में इन तारों के टूटना तो आम बात है। लेकिन स्टारलिंक धरती की ऑरबिट में मौजूद उपग्रह के जरिए काम करता है।

सबसे तेज इंटरनेट देता है स्टारलिंक

स्टारलिंक स्मॉल सैटेलाइट्स की सीरीज के जरिए अपनी सुविधा यूर्जस को उपलब्ध कराता है। कंपनी के दावे के मुताबिक इसके इंटरनेट की स्पीड लगभग 150 मेगाबिट प्रति सेकेंड है, जो कि अब तक दुनिया में सबसे तेज है। आपको बता दें, दुनियाभर की 36 देशों ने स्टारलिंक से इंटरनेट सुविधा लेना शुुरु कर दिया है।

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