रैगिंग का सनसनीखेज मामला: रैगिंग के नाम पर जूनियर्स को ड्रग्स का इंजेक्शन ठूंस रहे थे सीनियर्स, वॉट्सएप पर मिली शिकायत, सकते में कॉलेज प्रबंधन

जूनियर को दिया सीनियर ने ड्रग्स इंजेक्शन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-03 08:43 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम में स्थित धुबरी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया है। धुबरी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के फर्स्ट सेमेस्टर के छात्र ने प्रिसिंपल को व्हॉट्सएप पर मैसेज करके शिकायत की कि उसके सीनियर्स ने रैगिंग के वक्त उसको ड्रग्स के इंजेक्शन दिए हैं। प्रिसिंपल ने तुरंत बैठक बुलाकर मामले की जांच शुरू कर दी है। पता चला है कि शिकायत करने वाला बिहार का रहने वाला है।

प्रिंसिपल ने इस मामले पर कहा, "तीन बजे हमारे एक स्टूडेंट से हमें व्हॉट्सएप एक कंप्लेंट मिली जिसमें स्टूडेंट को रात के समय कुछ स्टूडेंट की तरफ से इंजेक्शन दिए जाने की बात कही गई। उक्त स्टूडेंट का आरोप है कि रैगिंग के नाम पर उसे ड्रग दिया गया है। हमने तुरंत मीटिंग बुलाई और एक सीनियर प्रोफेसर के साथ चार लोगों की कमेटी बनाई। वह कमेटी दो दिनों के अंदर पूरी जांच करके अपनी रिपोर्ट सब्मिट करेगी।" साथ ही रिपोर्ट आने के बाद रैगिंग कर्ता पर सख्त कार्रवाई होगी।

रैगिंग क्यों करते हैं छात्र?

दिल्ली सर गंगाराम हॉस्पिटल के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ राजीव मेहता का कहना है कि रैगिंग के पीछे की मैंटेलिटी एक अलग तरह के दंभ आत्मसंतोष का भाव देता है। खुद को सीनियर समझने वाले छात्र जूनियर्स के सामने खुद को बड़ा और श्रेष्ठ दिखाने के लिए रैगिंग करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि उनके सीनियर ने रैगिंग की थी इसलिए भी वो रैगिंग करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि अपने सीनियर्स से भी खराब रैगिंग करते हैं ताकि उनसे भी आगे निकल पाएं।

किन आदतों पर देना चाहिए ध्यान?

वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी का कहना है कि रैगिंग को बढ़ावा देने वाली चीजों में छात्रावास में शराब या नशे का गंभीर सेवन भी शामिल है। कई लोग बचपन से ही सामने तो डिसिप्लिन्ड रहते हैं लेकिन कहीं ना कहीं डिसिप्लिन के खिलाफ जाकर अपने मन के काम करने की लालसा रहती है। घर या आस पड़ोस में भी वो ऐसा माहौल देखते आए हुए होते हैं जिसमें बड़ा व्यक्ति छोटे को सताने की प्रवृत्ति रखता है। जिसमें दूसरों को सताकर खुशी मिलती है। इस मानसिकता वाले लोग बचपन में ही हिंसक हो जाते हैं। साथ ही जलन, श्रेष्ठताबोध में आकर गलत काम करने की आदत डाल लेते हैं। ऐसी आदतों को पहले ही पहचान कर उन्हें सुधारने की कोशिश करनी चाहिए। 

Tags:    

Similar News