क्या है मोदी सरकार की कवच स्कीम? बालासोर ट्रेन हादसे के बाद जिस पर उठ रहे हैं सवाल!
- 2022 में लॉन्च हुई थी कवच स्कीम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में अब तक 280 लोगों की जान जा चुकी है और 900 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। रेलवे की ओर से जारी ताजा बयान के मुताबिक बचाव कार्य पूरा हो चुका है और अब बहाली का काम किया जा रहा है। इस बीच इस भयावह हादसे पर सियासत शुरू हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने रेल मंत्री अश्विन वैष्णव का पुराना वीडियो साझा कर उन पर निशाना साधा है।
क्या है वीडियो में?
दरअसल, आरजेडी द्वारा सोशल मीडिया पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का जो पुराना वीडियो शेयर किया गया, जिसमें वह रेलवे की खास योजना 'कवच' के बारे में जानकारी देते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में रेलमंत्री की तरफ से दावा किया जा रहा है कि कवच के होने से ट्रेन के बेपटरी होने की संभावना न के बराबर हो जाएगी जिससे हादसों में कमी आएगी।
वीडियो को साझा करते हुए आरजेडी ने लिखा, 'कवच में भी कांड हो गया? मोदी सरकार के लिए इंसान केवल वंदे भारत ट्रेनों में ही चलते हैं! अगर रेल मंत्री में थोड़ी बहुत नैतिकता और आत्मग्लानी बाकी है तो इतने परिवार उजड़ने के बाद वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।'
इससे पहले एनसीपी के प्रमुख नेताओं में शामिल अजीत पवार ने भी इस हादसे को लेकर रेल मंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, रेल विभाग को इसकी जांच के आदेश देने चाहिए और जो दोषी हैं उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। रेलवे को यात्रियों की जान को अहमियत देनी चाहिए। पहले रेल मंत्री ऐसे रेल हादसों पर इस्तीफा दे देते थे, लेकिन अब कोई बोलने को तैयार नहीं है।'
अश्विनी वैष्णव ने किया था ये दावा
दरअसल, कवच वो सिस्टम है जिसके बारे में रेल मंत्री ने दावा किया था कि इसके जरिए ट्रेन संचालन की सुरक्षा और दक्षता को बढ़ावा मिलेगा। मार्च 2022 में इस सिस्टम को लॉन्च करते हुए रेल मंत्री की तरफ से कहा गया था कि अगर दो ट्रेनें एक ट्रैक पर आ रहीं हों तो ये सिस्टम दोनों ट्रेनों को रोक देगा। सरकार की इस खास योजना के तहत 2 हजार किलोमीटर के रेल नेटवर्क को कवर किया जाना था। वर्तमान में इस सिस्टम पर कार्य किया जा रहा है।
क्या है कवच सिस्टम?
भारतीय रेलवे ने चलती ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कवच नामक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम विकसित किया है। यह सिस्टम ट्रेन में लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस का एक सेट है, जो सिग्नलिंग सिस्टम के साथ पटरियों पर चलती ट्रेन की रफ्तार को नियंत्रित करने में सक्षम है। यह न केवल लोको पायलट को सिग्नल पासिंग एट डेंजर और ओवर स्पीडिंग से बचने में मदद करता है बल्कि खराब मौसम जैसे घने कोहरे और बारिश के दौरान ट्रेन चलाने में भी मदद करता है।