नीट पेपर लीक मामला: रहने वाले ओडिशा, बिहार और महाराष्ट्र के एग्जाम के लिए भाषा चुनी गुजराती, सामने आई आरोपियों की एक और करतूत
- नीट मामले आए दिन हो रहे बड़े खुलासे
- सीबीआई ने गुजरात कोर्ट में बताई आरोपियों की काली करतूत
- अब तक 42 हो चुके गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नीट एग्जाम में हुई धांधली को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। इस मामले की जांच में जुटी जांच एजेंसी सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है।
सीबीआई ने गुजरात कोर्ट में बताया है कि गोधरा के एक सेंटर में ओडिशा, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कैंडिडेट्स ने एग्जाम दिया था। धांधली करने वाले आरोपियों ने एग्जाम में कैंडिडेट्स को गुजराती भाषा चुनने के लिए कहा था।
ऐसा इसलिए क्योंकि इससे चीटिंग के जरिए एग्जाम में शामिल होने वाले गुजराती भाषी स्टूडेंट्स अपनी आंसर सीट को भर सकें। इसके साथ ही इन उम्मीदवारों को बोला गया था कि वो अपना परमानेंट एड्रेस पंचमहल या फिर बडोदरा बताएं। सीबीआई के मुताबिक पंचमहल और वडोदरा सेंटर्स का कंट्रोल एक ही डायरेक्टर के पास था।आरोपियों ने दूसरे राज्यों के इन सभी कैंडिडेट्स को अलग-अलग लिंक माध्यम से कॉन्टेक्ट किया था।
अब तक गिरफ्तारियां
पांच जून को परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने के बाद से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के खिलाफ विरोध जारी है। देश के अलग-अलग राज्यों में छात्र और उनके परिजन लगातार प्रोटेस्ट कर रहे हैं। धांधली की बात सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने 22 जून को नीट मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। अब तक हुई जांच में 7 राज्यों में एग्जाम में गड़बड़ी होने की सबूत मिले हैं। इन राज्यों से जांच एजेंसी ने 42 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से सबसे ज्यादा बिहार से 17, गुजरात से 6, महाराष्ट्र से 2, झारखंड से 11, राजस्थान से 4, पं. बंगाल और उत्तराखंड से एक-एक आरोपियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है।