ISRO चीफ के किताब पर मचा हंगामा: चंद्रयान-2 मिशन फेल होने की वजह, के.सिवन नहीं चाहते थे एस सोमनाथ बनें अगले इसरो चीफ!
- चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद सोमनाथ की किताब पर मचा बवाल
- के.सिवन नहीं चाहते थे एस सोमनाथ बनें अगले इसरो चीफ!
- दक्षिण मीडिया का बड़ा दावा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख डॉ एस सोमनाथ ने अपनी जीवन पर आधारित एक किताब लिखी हैं, जिसे लेकर अब बवाल मचा गया है। दक्षिण भारतीय मीडिया के मुताबिक, किताब में ISRO प्रमुख सोमनाथ ने पूर्व इसरो चीफ के. सिवन पर आरोप लगाया। सोमनाथ ने किताब में दावा किया है कि उनके इसरो प्रमुख बनने में के. सिवन ने बाधा डाली थी। उन्होंने किताब में बताया है कि सिवन नहीं चाहते हैं कि सोमनाथ इसरो प्रमुख बने। इसके अलावा किताब में उन्होंने चंद्रयान-2 मिशन के असफल होने के कारणों की भी चर्चा की है। जिसे लेकर इसरो के पूर्व चीफ के. सिवन निशाने पर आ गए हैं।
गौरतलब है कि शुक्रवार को दक्षिण भारतीय मीडिया संस्थानों में एक हैरान करने वाली खबर सामने आई। दक्षिण भारतीय खबर के मुताबिक, सोमनाथ ने अपने जीवन पर आधरित किताब 'निलावु कुडिचा सिम्हंल' (Nilavu Kudicha Simhangal) में दावा किया है कि सिवन नहीं चाहते थे कि मैं इसरो का प्रमुख बनूं। साथ ही सोमनाथ ने यह भी दावा किया है कि सिवन ने उन्हें इसरो प्रमुख बनने से रोकने के लिए उनकी राह में रोड़े अटकाए थे।
सोमनाथ ने दी सफाई
इस बारे में सोमनाथ ने पीटीआई न्यूज एजेंसी से कहा, 'किसी भी संस्थान में शीर्ष पद पर पहुंचने के लिए हर व्यक्ति को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बाधाओं और चुनौतियों को पार करके वह ऊंचाई पर पहुंचता है। ठीक ऐसी ही परेशानियां मेरी जिंदगी में भी आईं। मैंने अपने जीवन में जिन चुनौतियों का सामना किया है, उनके बारे में मैंने अपनी किताब में लिखा है। व्यक्तिगत तौर पर किसी की आलोचना नहीं की है। मैंने किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं लिखा।'
चंद्रयान-2 मिशन क्यों हुआ फेल?
एस सोमनाथ ने साफ कर दिया है कि कई लोग शीर्ष पद पर पहुंचने के लिए योग्य होते हैं। मैं बस उस मुद्दे को उठाना चाहता था। सोमनाथ ने कहा कि मैंने किसी एक व्यक्ति पर निशाना नहीं साधा है। चंद्रयान-2 का जिक्र करते हुए एस सोमनाथ ने कहा कि जल्दबाजी के चलते यह मिशन फेल हो गया था। सोमनाथ ने किताब में जानकारी दी है कि चंद्रयान-2 मिशन के लिए जितने टेस्ट की जरूरत थी, उतने नहीं हुए थे।
सोमनाथ ने किताब के माध्यम से चंद्रयान-2 मिशन की विफलता के कारणों चर्चा की है। दक्षिणी मीडिया के मुताबिक किताब में लिखा है, "चंद्रयान-2 मिशन की विफलता की घोषणा करते समय मिशन के दौरान की गई कई गलतियों को छुपाया गया। सोमनाथ का कहते हैं कि जो सच है, उसे वैसे ही बताया जाना चाहिए। ताकि सच लोगों के सामने आ सके। ऐसा करने से संगठन में पारदर्शिता आती है।" सोमनाथ ने बताया कि इन्हीं कारणों के चलते मैंने किताब में चंद्रयान-2 की विफलता का जिक्र किया है। किसी के जीवन पर लिखी हुई किताब लोगों को प्रेरित करने के लिए लिखी जाती है।
उन्होंने साफ कर दिया है कि उनके यह ऑटोबायोग्राफी लोगों को प्रेरित करने के इरादे से लिखी गई है। ताकि लोग इस किताब के जरिए प्ररेणा प्राप्त कर सके। इसे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे नहीं लिखा गया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि यह किताब जल्द ही मार्केट में उपलब्ध होगी।