Odd Even: बारिश ने राजधानी दिल्ली को बचाया, ऑड-ईवन पर लगी रोक
दिल्ली में 13 नवंबर से आड ईवन नहीं होगा लागू
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली का प्रदूषण 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया, लेकिन मौसम में बदलाव और बारिश के कारण प्रदूषण की स्थिति में सुधार हुआ। दिल्ली में AQI 300 से कम हो गया, जो पहले 450 तक पहुंच गया था। इसलिए, ऑड-ईवन योजना निर्धारित की गई तारीख 13 नवंबर से 20 नवंबर तक के समय को अब स्थगित किया जाता है और सरकार दिवाली के बाद स्थिति की समीक्षा करेगी। ये बातें प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है। उनका कहना है कि 13 नवंबर से आड ईवन लागू नहीं होगा। दिल्ली में दिवाली के बाद के वायु प्रदुषण की स्थिति को देखकर आगे की समीक्षा बैठक की जाएगी।
VIDEO | "Delhi's pollution reached 'severe' category, but with the change in weather and due to rain, the pollution situation improved. The AQI came down to lower than 300, which had previously reached up to 450. So, the odd-even plan scheduled from 13th November to 20th November… pic.twitter.com/IFh3Z138rJ
— Press Trust of India (@PTI_News) November 10, 2023
साल 2016 में पहली बार दिल्ली में एयर क्वालिटी खराब होने के बाद कारों को ऑड-ईवन नंबर प्लेट के आधार पर चलाने की इजाजत मिली थी। दरअसल, वाहनों से निकलने वाले धुंए और हरियाणा व पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़कर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है।
प्रयास जारी- CM भगवंत मान
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, ''हम सभी प्रयास कर रहे हैं, हम बैठकें कर रहे हैं। हमने पराली की अगली खेप के लिए भी बैठकें शुरू कर दी हैं। हमने अदालत के सामने लिखित रूप से मांग की है कि अन्य फसलों के लिए भी MSP दिया जाना चाहिए। हमारी जमीन इतनी उपजाऊ है कि हम सूरजमुखी, मक्का और दाल भी उगाएंगे। यह सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि सभी की जिम्मेदारी है।"
सुप्रीम कोर्ट ने थी जताई चिंता
इससे पहले 7 नवंबर को राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने जोर देते हुए कहा कि ऐसी जहरीली हवा लोगों के स्वास्थ्य की हत्या के लिए जिम्मेदार है। कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान की सरकारों से कहा है कि वो खेतों में आग कैसे रोकी जाए इसे लेकर लिए केंद्र सरकार के साथ तत्काल चर्चा करें। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि वह इसे राजनीतिक लड़ाई नहीं बनने दे सकती।