उत्तर प्रदेश: राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राहुल गांधी को सीधे न्योता नहीं, जानिए किस विपक्षी दल के किस नेता को मिला आमंत्रण, बीजेपी नेता ने कसा तंज
राम मंदिर पर एक बार फिर से सियासत शुरू
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। कई सदियों के बाद भगवान राम अपने घर में विराजमान होने जा रहे हैं यानी 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है। जिसकी वजह से पूरे देश में खुशी का माहौल बना हुआ है। 22 जनवरी को होने वाले उद्घाटन के लिए देश के जाने माने 8 हजार से अधिक लोगों को न्योता भेजा गया है। जिसमें खेल, फिल्म, उद्योग, राजनीति एवं लेखक जैसे तमाम क्षेत्रों से लोग जुड़े हुए हैं। इस समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस चीफ मोहन भागवत जैसे बड़ी राजनीतिक हस्तियां मौजूद रहनी वाली हैं।
हालांकि, अब इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। कई सियासी दलों ने न्योता मिलने की बात तो मानी है लेकिन जाने से साफ इनकार कर दिया है। वहीं यूपी की सियासत में दमखम रखने वाली समाजवादी पार्टी ने कहा है कि न्योता नहीं मिला है लेकिन आया तो रामलला का दर्शन करने जरूर जाएंगे। साथ ही ये भी कहा कि, अगर नहीं आया तो समारोह के बाद जाएंगे।
बीजेपी सांसद का तंज
अयोध्या में रामलला के मंदिर पर हमेशा से राजनीति होती रही है। लेकिन इस पूरे मामले पर कोर्ट से फैसला आ गया है फिर भी सियासत खत्म होने के नाम नहीं ले रही है। इस पूरे सियासी ड्रामे पर बीजेपी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने विपक्षी पार्टियां पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, न्योता सभी को भेजा गया है लेकिन आएंगे वही जिन्हें प्रभू राम ने बुलाया है।
भगवान राम पर सियासत!
अयोध्या मामले पर सीपीएम नेता बृंदा करात का बयान सामने आया है उन्होंने कहा, हम नहीं जाएंगे। हम धार्मिक आस्था का सम्मान करते हैं। लेकिन वे लोग यानी बीजेपी एक धार्मिक आयोजन को राजनीति से जोड़ रही है। धर्म को राजनीति का हथियार बनाना ठीक नहीं है। करात ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि, मैं इस समारोह का हिस्सा नहीं बनाना चाहता इस आयोजन में नहीं जाऊंगा। सिब्बल ने कहा कि, मेरे दिल में भगवान राम बसते हैं तो मुझे इन चीजों से फर्क नहीं पड़ता वहां जाऊं या ना जाऊं। राम मेरे सफर को दिशा दिखाते हैं जिससे मुझे पता चलता है कि मैं कुछ सही कर रहा हूं। उन्होंने भगवान राम को सच्चाई, त्याग और दूसरे को सम्मान करना बताया जबकि बीजेपी को इसका उलट करने वाला बताया।
कांग्रेस को भी भेजा गया न्योता
बता दें कि, राम मंदिर के समारोह के लिए कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं को भी न्योता भेजा गया है। जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी जैसे बड़े नेता शामिल हैं। कहा जा रहा है कि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि ये नेता 22 जनवरी को भव्य पूजन के लिए रामनगरी को जा रहे हैं या नहीं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो, कांग्रेस का रूख इस मामले पर अभी तक साफ नहीं हो पाया है। ऐसा हो सकता है कि कांग्रेस के ये दिग्गज न जाकर अपने प्रतिनिधियों को भेज दें ताकि मुस्लिम वोटर्स में एक संदेश भेजा जा सके।