सीटों पर खींचतान: नीतीश के गठबंधन से निकलते ही आरजेडी पर दबाव, कांग्रेस के बाद लेफ्ट ने की ज्यादा सीटों की डिमांड
- जेडीयू के गठबंधन से बाहर जाते आरजेडी पर दबाव
- ज्यादा लोकसभा सीटों के लिए दबाव बना रही है पार्टियां
- कांग्रेस के बाद सीपीआई माले ने की ज्यादा सीटों की डिमांड
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ समय पहले महागठबंधन का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। इसी के साथ नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) पार्टी विपक्षी गठबंधन इंडिया से भी बाहर हो गई। महागठबंधन से नीतीश के बाहर जाते ही कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा के लिए ज्यादा सीटों की दावेदारी शुरू कर दी। अब इस कड़ी में लेफ्ट भी शामिल हो गया है। कांग्रेस के बाद लेफ्ट ने भी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से ज्यादा लोकसभा सीटों की डिमांड शुरू कर दी है। सीपीआई माले ने आरजेडी पर ज्यादा सीटों के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
पांच से ज्यादा सीटों की मांग
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं जिसमें से सीपीआई माले ने 5 सीटों पर पहले दावेदारी पेश की थी। लेकिन, महागठबंधन से नीतीश कुमार के एग्जिट के बाद पार्टी ने पांच से ज्यादा सीटों की मांग रखी है। सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के महागठबंधन से बाहर निकलने के बाद माले निश्चित रूप से आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ी हिस्सेदारी मांगेगी। उन्होंने इस मुद्दे पर आरजेडी समेत महागठबंधन के अन्य नेताओं से एक दो दिन के अंदर इस पर बातचीत करने की बात कही है।
पहले सिर्फ पांच सीटों की मांग करने वाली माले अब ज्यादा सीटों पर दावा ठोक रही है। इससे पहले कांग्रेस भी ज्यादा सीटों की मांग कर चुकी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी कहा था कि उनकी पार्टी बिहार में 10 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर दावा पेश करेगी। नीतीश कुमार की वजह से सीटों का बंटवारा नहीं हो पा रहा था, अब जेडीयू के गठबंधन से निकलने के बाद लोकसभा सीटों के बंटवारे में आसानी होगी।
राज्यसभा में नहीं मिली सीट
पार्टी महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान राज्यसभा के लिए एक भी सीट नहीं मिलने पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में हमारी पार्टी के 12 विधायक हैं। राज्यसभा की सीट पर पार्टी का दावा वैध था लेकिन, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद माले ने महागठबंधन के हित में दावेदारी छोड़ दी। राज्यसभा चुनाव में अपने नाम के रेस में होने की बात को सीपीएम माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने खारिज कर दिया।
बिहार में राज्यसभा की 6 सीटें हैं जिसके 3 सीटों पर महागठबंधन की तरफ से उम्मीदवारों को उतारा गया है। आरजेडी नेता मनोज झा और संजय यादव के अलावा तीसरे सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद यादव ने नामांकन दाखिल किया है। आपको बता दें कि इसी तीसरे सीट पर माले ने राज्यसभा चुनाव के लिए दावा पेश किया था।