नौसेनिकों की रिहाई: रंग लाई पीएम मोदी की मेहनत! कतर से पूर्व नौसेनिकों की रिहाई पर विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान

  • कतर से पूर्व नौसेनिकों की हुई रिहाई
  • सोमवार को भारत पहुंचे सात नौसेनिक
  • विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-12 13:49 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कतर में भारतीय नौसेना के पूर्व जवानों को फांसी की सजा से बरी कर दिया गया है। इसे भारत के लिहाज से बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें, दिसंबर 2023 में कतर की एक अदालत में भारत के 8 पूर्व नौसेनिकों को सजा-ए-मौत का फरमान जारी किया था। इसके बाद भारत सरकार ने कथित जासूसी मामले को लेकर कतर से चर्चा की थी। ऐसे में अब कतर की राजधानी दोहा की एक अदालत ने रिहाई का फैसला सुनाते हुए पूर्व भारतीय नौसेनिकों को आजाद कर दिया है। कतर से सोमवार को सात नौसेनिकों की भारत में वापसी भी हो चुकी है। इसे लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, पूर्व नौसेनिकों की रिहाई मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से निगरानी की थी।

विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

विदेश मंत्रालय ने सोमवार को अपने बयान में बताया, "प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से इस मामले में घटनाक्रम की लगातार निगरानी की है।" मंत्रालय ने आगे कहा, "भारत सरकार उन आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है जो दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे और जो कतर में हिरासत में थे।"

पिछले साल के आखिरी महीने से चल रहे इस मामले में भारत और कतर के बीच द्वीपक्षीय संबंधों में खटास पैदा कर दी थी। इससे पहले अगस्त 2022 में कतर ने पूर्व भारतीय नौसेनिकों को कथित जासूसी मामले के चलते हिरासत में ले लिया था। हालांकि, कतर ने सार्वजनिक रूप से गिरफ्तारी की वजह को लेकर कोई बयान नहीं दिया था।

2022 से हिरासत में थें पूर्व सैनिक

कतर में पूर्व नौसेनिकों को फांसी की सजा सुनाए जाने के फैसल पर वहां की अदालत में भारत की ओर से याचिका दायर की गई थी। दोहा की अदलात ने भारत की याचिका के मद्देनजर ने फांसी के निर्णय को जेल कैद में बदल दिया था। इसके बाद माना जा रहा था कि कतर रमजान से पहले भारत के 8 नौसेनिकों को बरी कर देगा। लेकिन, पीएम मोदी के यूएई दौर से पहले कतर की अदालत ने सैनिकों की रिहाई का फैसला सुना दिया था।

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