वायनाड प्राकृतिक आपदा: कल केरल के दौरे पर रहेंगे PM मोदी, वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का करेंगे हवाई सर्वेक्षण
- केरल में 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा
- वायनाड में भूस्खलन हादसे का करेंगे हवाई सर्वेक्षण
- प्रभावित इलाकों में जारी है सर्च ऑपरेशन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को केरल के वायनाड के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह वायनाड में भूस्खलन से मची तबाही वाले क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। बता दें, हाल ही में वायनाड में भारी बारिश से भूस्खलन में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
केरल के वायनाड में यह प्राकृतिक आपदा 30 जुलाई को हुई थी। इस घटना में 420 लोगों के मारे जाने का दावा किया गया है। इसके अलावा 150 लोगों के लापात होने की पुष्टि की गई है। जबकि, 273 लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। सूजीपारा इलाके में सनराइज वैली के जंगल में सेना के जवानों, एसओजी अधिकारियों और वन अधिकारियों की स्पेशल टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है।
10 दिनों तक चलेगा सर्च ऑपरेशन
भूस्खलन प्रभावित इलाके में 30 जुलाई से 10 दिनों तक इस सर्च ऑपरेशन को चलाया जाएगा। इसके बाद भारतीय सेना वायनाड से लौटेगी। इसके बाद सर्च ऑपरेश का जिम्मा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर फोर्स और केरल पुलिस की सौंपा जाएगा। इस बीच इसरो के विश्लेषण से पता चलता है कि भूस्खलन 8 किलोमीटर की सीमा समेत 86,000 वर्ग मीटर क्षेत्र के दायरे को कवर करता है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने वायनाड भूस्खलन दुर्घटना को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को इस तबाही को राष्ट्रीय और गंभीर आपदा घोषित करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस भूस्खलन हादसे में अब तक 420 शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। फिलहाल, वायनाड में खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री विजयन ने दिया बयान
मुख्यमंत्री विजयन ने वायनाड में पीएम मोदी के दौरे की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से केरल के पुनर्वास में मदद की उम्मीद भी लगाई है। मुख्यमंत्री ने कहा, "इस संबंध में केंद्र सरकार ने रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए नौ सदस्यीय समिति नियुक्त की है। समिति के अध्यक्ष ने आज दौरा किया और हमें पुनर्वास के लिए केंद्रीय सहायता मिलने की उम्मीद है।" इसके बाद उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री स्थिति को प्रत्यक्ष रूप से समझेंगे और अनुकूल रुख अपनाएंगे।"