पेंशनभोगी करेंगे भूख हड़ताल, न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये किए जाने की मांग

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  • न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये किए जाने की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-19 15:48 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। न्यूनतम मासिक पेंशन 7,500 रुपये किए जाने की मांग को लेकर कई पेंशनभोगी गुरुवार को राजधानी दिल्ली में भूख हड़ताल करेंगे। फिलहाल पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन 1170 रुपये मासिक है। भूख हड़ताल करने वाले यह पेंशनभोगी ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की पेंशन योजना ईपीएस-95 के दायरे में आते हैं। ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के मुताबिक यदि 20 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में न्यूनतम पेंशन नहीं बढ़ाई गई तो पेंशनभोगी देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करेंगे।

ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) का कहना है कि उन्हें बेहद कम पेंशन राशि के कारण गंभीर परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। बहुत ही कम पेंशन के कारण संकटपूर्ण परिस्थितियों में वह अपने परिवार और समाज में अपनी गरिमा खो रहे हैं। बुधवार को दिल्ली में संगठन के सदस्यों ने कहा कि भारत सरकार ने जनता के कल्याण के लिए कई पेंशन योजनाएं लागू की हैं। लेकिन, इन ईपीएस कर्मचारियों को उनकी पूरी सेवा के दौरान पेंशन फंड में योगदान करने के बाद केवल नाममात्र की पेंशन राशि मिल रही है। यह राशि, जो वर्तमान में 1170 रुपये निर्धारित है, बुजुर्ग पेंशनभोगियों की बुनियादी जरूरतों और भरण-पोषण में बिल्कुल विफल साबित हो रही है। ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति औद्योगिक, सार्वजनिक, सहकारी, निजी क्षेत्रों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती है।

एनएसी के अध्यक्ष सेवानिवृत्त कमांडर अशोक राउत ने कहा कि 20 जुलाई को संगठन केंद्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्यों के साथ वह जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल करने जा रहे हैं। उनका कहना है कि इस मुद्दे पर समर्थन जुटाने के लिए देश भर के पेंशनभोगी भी 20 जुलाई को देशभर के प्रमुख स्थानों पर भूख हड़ताल करेंगे। भूख हड़ताल पर जा रहे संगठन के सदस्यों का कहना है- पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगी के जीवनसाथी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं तथा ईपीएस 95 के दायरे में नहीं आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इसमें शामिल कर 5,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाए।

दरअसल, कर्मचारी पेंशन योजना, 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है। दूसरी ओर नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है। इसके साथ ही सरकार भी पेंशन फंड में 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है।

(आईएएनएस)

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