एयरफोर्स की बढ़ी ताकत: भारत की बढ़ती वायु शक्ति से थरथराएंगे पाकिस्तान और चीन, डीआरडीओ ने हाइपरसोनिक मिसाइल रूद्रम का किया सफलतापूर्वक परीक्षण
- हवाई पट्टी-बंकर को कर देगा तहस-नहस
- रुद्रएम-II में इमेजिंग इंफ्रारेड सीकर लगा है
- रुद्रएम-II 200 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 29 मई 2024 को करीब साढ़े ग्यारह बजे ओडिशा के तट से भारतीय वायु सेना के Su-30 MK-I प्लेटफ़ॉर्म से स्वदेशी निर्मित देश की सबसे शानदार मिसाइल रुद्रम-II हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया। इसे पूर्ण रूप से स्वदेशी है। इसे देश में ही विकसित किया है। रुद्रम-II एंटी-रेडिएशन मिसाइलों को सुखोई Su-30MKI और मिराज-2000 दोनों लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है। परीक्षण के दौरान मिसाइल के प्रोप्लशन सिस्टम, कंट्रोल एंड गाइडेंस सिस्टम, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, राडार और टेलिमेट्री स्टेशंस की जांच की गई। इसकी तुलना रूस की खतरनाक मिसाइल Kh-31PD से की जा रही है। रूस ने यूक्रेन पर हमला करने के लिए इस मिसाइल का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया था।
आइए अब जानते हैं इस मिसाइल की ताकत।
यह मिसाइल दुश्मन की तरफ 6791.4 km/hr की स्पीड से जाती है।
यह हवा से सतह पर मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल है।
यह एक एंटी-रेडिएशन मिसाइल है। यानी ऐसी सैटेलाइट जिसे दुश्मन का कोई राडार सिस्टम, एयर डिफेंस सिस्टम, रेडियो फ्रिक्वेंसी यंत्र, या किसी भी तरह का संचार सिस्टम इसे पकड़ नहीं सकता।
18 फीट लंबी मिसाइल में 155 kg का हथियार
रुद्रम-2 मिसाइल को DRDO ने डिजाइन किया है।
इसे भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और अडाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने मिलकर बनाया है।
इसकी लंबाई 18 फीट होती है। यह करीब 155 किलोग्राम वजन का हथियार लेकर उड़ान भर सकता है।
इसमें प्री-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड लगाया जाता है।
रुद्रम-2 की रेंज 300 किलोमीटर है। यह अधिकतम 3 से 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है।
यह ध्वनि की गति से पांच गुना ज्यादा स्पीड से उड़ान भरती है।
इसमें आईएनएस और सैटनैव गाइडेंस सिस्टम लगा है। साथ में पैसिव राडार होमिंग सिस्टम है। इसकी सटीकता 5 मीटर है। यानी टारगेट से पांच मीटर दूर भी गिरती है, तो भी वह पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगा।
उड़ान परीक्षण के सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया। इसमें प्रणोदन प्रणाली, नियंत्रण और मार्गदर्शन एल्गोरिदम जैसी सभी सुविधाएं हैं। एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर द्वारा ऑन-बोर्ड जहाज सहित विभिन्न स्थानों पर तैनात इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा से मिसाइल के प्रदर्शन को मान्य किया गया है।
आपको बता दें भारत के पास अब तक दुश्मन के जमीनी रडार और अन्य संचार उपकरणों को बेअसर करने के लिए स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल नहीं थी। अब यह कमी पूरी हो गयी। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के प्रमुख डॉ. एसवी कामत ने रुद्रम-II मिसाइल के सफल परीक्षण की पुष्टि की है।
रुद्रम-I में केवल पैसिव होमिंग हेड है, ताकि दुश्मन के निगरानी और मार्गदर्शन रडार सिस्टम, संचार टावर, कमांड और कंट्रोल सेंटर और अन्य विकिरण उत्सर्जित करने वाले लक्ष्यों पर अंतिम हमला किया जा सके।
वहीं, रुद्रम-II में इमेजिंग इंफ्रारेड सीकर है, जो पैसिव होमिंग हेड के साथ हवाई पट्टी, बंकर और विमान हैंगर जैसे अन्य लक्ष्यों को बेअसर कर सकता है। रुद्रएम-II 200 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है।