चांद मिशन: अब चंद्रयान-4 की तैयारी में जुटे इसरो के वैज्ञानिक, चंद्रमा की मिट्टी घरती पर लाने का रखा गया लक्ष्य
- चंद्रयान-4 को लेकर इसरो के वैज्ञानिक काफी उत्साहित- इसरो चीफ
- जल्द शुरू होगा चंद्रयान-4 पर काम
- चंद्रमा से पृथ्वी पर लाया जाएगा मिट्टी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-4 को लेकर तैयारी में जुट गई है। इसरो ने बताया कि अगले चंद्रयान मिशन को अनूठा तरीके से डिजाइन और मॉर्डन टेक्नोलॉजी के साथ डेवलप किया जाएगा। पिछले साल अगस्त महीने में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हुई थी। चंद्रयान-4 मिशन के तहत चांद की सतह से मिट्टी को धरती पर लाने की योजना बनाई गई है। जीएसएलवी-एफ14/इनसैट-3डीएस उपग्रह के सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भविष्य में चंद्रयान-4, 5, 6 और 7 मिशन को भेजना चाहती है।
चंद्रयान-4 की तैयारी में जुटे वैज्ञानिक
सोमनाथ ने कहा, "हम चंद्रयान-4 को लेकर काम कर रहे हैं। इस मिशन में क्या-क्या होना चाहिए, इस पर हम काम कर रहे हैं। इस बार की योजना कुछ अलग होने वाली है।" इसरो चीफ ने कहा, 'पहली चीज उन्होंने यह तय किया है कि चंद्रयान-4 के तहत चंद्रमा की मिट्टी का सैंपल पृथ्वी पर लाया जाए। इस पूरी प्रक्रिया को हम रोबोटिक तरीके से करना चाहते हैं। इस पर चर्चा जारी है। कोशिश है कि उपलब्ध रॉकेटों के जरिए यह काम किस तरह से किया जाए? हम सभी जानते हैं कि चंद्रमा पर जाना और वहां से नमूना लाना काफी मुश्किल होगा।'
अंतरिक्ष विभाग के सचिव एस सोमनाथ ने कहा कि वैज्ञानिक चंद्रयान-4 मिशन के लिए हाई लेवल की टेक्नोलॉजी डेवलप करने में जुटे हुए हैं। सरकार की ओर से मिशन के लिए जल्द मंजूरी मिल जाएगी।
इधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अगली पीढ़ी के मौसम पूर्वानमान उपग्रह के सफल लॉन्च पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, उन्नत मौसम उपग्रह, इन्सैट-3डीएस के सफल प्रक्षेपण पर इसरो टीम को बधाई। यह तीसरी पीढ़ी का उपकरण प्राकृतिक आपदाओं से सटीकता से लड़ने में भारत की ताकत को बढ़ाएगा। यह पीएम मोदी के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।