टाटा के नए 'रतन': कौन हैं नोएल टाटा? जो लेंगे रतन टाटा की जगह, संभालेंगे टाटा ट्रस्ट की कमान
- टाटा ट्रस्ट की कमान अब नोएल टाटा के हाथ
- कौन हैं नोएल टाटा?
- नोएल टाटा का टाटा की इन कंपनियों में अहम भूमिका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रतन टाटा के निधन के बाद टाटा ट्रस्ट की कमान किसके हाथों में होगी इस पर काफी चर्चा चल रही थी। जो अब स्पष्ट हो चुका है कि नोएल टाटा ही टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन बनेंगे। टाटा ट्रस्ट की आज मुंबई में बैठक थी जिसमें नोएल टाटा को चेयरमैन के तौर पर चुना गया है। हालांकि, अभी नोएल टाटा, सर दोराबजी के ट्रस्टी हैं। इसके अलावा नोएल टाटा अब टाटा ग्रुप्स की कमान भी संभालेंगे। नोएल टाटा 403 अरब डॉलर के कीमत वाले 100 देशों में फैले हुए बिजनेस को संभालने जा रहे हैं।
रतन टाटा के क्या हैं नोएल टाटा?
नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। बिजनेस को अच्छे से काम कराने में कई लोगों का हाथ है जिसमें नोएल टाटा भी उन प्रमुख व्यक्तियों में से एक हैं। रतन टाटा के बाद अब नोएल टाटा ही टाटा ग्रुप्स का नेतृत्व करेंगे और ट्रस्ट की होल्डिंग कंपनियों का संचालन करेंगे। नोएल टाटा, नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं जिनकी उम्र करीब 67 साल है।
टाटा संस के पूर्व बोर्ड मेंबर ने की तारीफ
टाटा संस के पूर्व बोर्ड मेंबर आर गोपालकृष्णन ने नोएल टाटा की तारीफ करते हुए कहा कि, "बहुत अच्छा और समझदार आदमी है।" उन्होंने आगे कहा कि, "वह ट्रस्ट के लिए अच्छा काम करेंगे। वे अपने व्यवसाय और उद्यमशीलता कौशल के साथ, टाटा ट्रस्ट को और आगे लेकर जाएंगे।" बता दें कि, नोएल टाटा साल 2014 से ट्रेंट लिमिटेड के अध्यक्ष रहे हैं। इससे पहले साल 2010 से 2021 तक टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड को भी लीड किया था।
नोएल का टाटा की कई कंपनियों में अहम भूमिका
नोएल टाटा ट्रस्ट में भी ट्रस्टी के तौर पर भी शामिल थे। वे बीते कुछ सालों से टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के चेयरमैन भी हैं। इसके अलावा टाटा ग्रुप के साथ उनका चार दशकों का लंबा इतिहास रहा है। नोएल ट्रेंट, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन जैसी कंपनियों के चेयरमैंन भी हैं। इसके अलावा वे टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं। वहीं, टाटा इकोसिस्टम के साथ उनके संबंध अच्छे हैं। टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर उन्होंने 2010 से 2021 तक कंपनी के राजस्व को 500 मिलियन डॉलर से 3 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। साल 1998 में ट्रेंट लिमिटेड कंपनी का केवल एक सिंगल रिटेल स्टोर था। लेकिन अब उनके लीडरशिप के अंदर पूरे भारत में 700 से ज्यादा स्टोर्स मौजूद हैं।
परदादा के बिजनेस की संभालेंगे कमान
टाटा ट्रस्ट की स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी। जो कि नोएल टाटा और रतन टाटा के परदादा थे। इन्होंने टाटा ग्रुप्स की स्थापना साल 1892 में की थी। रतन टाटा ने शादी नहीं की थी इसलिए वे टाटा ट्रस्ट में किसी उत्तराधिकारी का नाम नहीं बता पाए। ऐसे में नोएल टाटा का चयन बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस की 66 प्रतिशत इक्विटी है। जो कि 150 साल से भी ज्यादा पुराने टाटा ब्रांड के अलग-अलग फर्मों की होल्डिंग कंपनी है।