Year Ender 2019: इस साल गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किए गए भारत के ये 5 नेता
Year Ender 2019: इस साल गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किए गए भारत के ये 5 नेता
डिजिटल डेस्क। चंद दिनों में साल 2019 बीतने वाला है। हर साल की तरह गूगल ने इस साल भी "ईयर इन सर्च" जारी किया है। इसमें बताया गया है कि लोगों ने साल 2019 में अलग-अलग कैटेगिरी में सबसे ज्यादा क्या सर्च किया है। आइए हम आपको बताते हैं कि इस साल लोगों ने गूगल में सबसे ज्यादा किन 5 भारतीय नेताओं को सर्च किया है -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान 19 से 25 मई के बीच सबसे ज्यादा सर्च किया गया। इसके बाद लोगों ने पीएम मोदी को जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद और चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के बाद सर्च किया गया। अब भी पीएम मोदी की सर्चिंग थमी नहीं है। उन्हें नागरिकता संशोधन बिल (CAB) पास होने के बाद अब तक सर्च किया जा रहा है।
राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी गूगल में सर्च किए गए दूसरे नेता रहे। राहुल गांधी को भी लोकसभा चुनाव के दौरान सर्च किया गया। अलावा उन्हें गूगल में अमेठी से लोकसभा चुनाव के कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर खोजा गया। बता दें कि राहुल गांधी इस लोकसभा में अमेठी से न लड़कर केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था। वह अभी वायनाड के सांसद हैं।
अमित शाह
सोशल मीडिया में चाणक्य के नाम से प्रचलित गृह मंत्री अमित शाह, गूगल की टॉप 5 नेताओं की सर्च लिस्ट में तीसरे स्थान पर रहें। पीएम मोदी की तरह अमित शाह को भी जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद गूगल में सर्च किया गया। साथ ही उनके कश्मीर पर भाषण देने जाने के कारण भी उन्हें खोजा गया। इसके बाद अमित शाह को CAB पारित होने के बाद अब तक सर्च किया जा रहा है।
सोनिया गांधी
अमित शाह के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को गूगल में सबसे ज्यादा खोजा गया। लोगों ने सोनिया गांधी को नेट वर्थ और कई चीजों को लेकर गूगल में सर्च किया।
शरद पवार
नेताओं की टॉप 5 गूगल सर्चिंग लिस्ट में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार का नाम 5वें स्थान पर रहा। पवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा सर्च किया गया। बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा और शिवसेना के बीच 50-50 फॉर्मूले पर करीब एक महीने तक तनातनी चलती रही। इसके बाद उनके भतीजे अजित पवार के खेमे के विधायकों का समर्थन प्राप्त कर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी, लेकिन बहुमत साबित न करने के कारण उन्हें बाद में इस्तीफा देना पड़ा।