World Water Day 2020: 'जल और जलवायु परिवर्तन' थीम पर मनाया जा रहा वॉटर डे, पानी बचाने का लें संकल्प

World Water Day 2020: 'जल और जलवायु परिवर्तन' थीम पर मनाया जा रहा वॉटर डे, पानी बचाने का लें संकल्प

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-21 10:19 GMT
World Water Day 2020: 'जल और जलवायु परिवर्तन' थीम पर मनाया जा रहा वॉटर डे, पानी बचाने का लें संकल्प
हाईलाइट
  • जल संरक्षण के महत्व पर ध्यान केंद्रित करने का उद्देश्य
  • हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है विश्व जल दिवस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज (22 मार्च) पूरी दुनिया में विश्व जल दिवस (World Water Day 2020) मनाया जा रहा है। इसे पानी के महत्व को समझने और पानी के संरक्षण के प्रति जागरुकता फैलाने का दिन भी कहा जा सकता है, क्योंकि हर साल इसी दिन पानी से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की जाती है और भविष्य के लिए पानी को संरक्षित करने का संकल्प भी लिया जाता है।  

थीम है जल और जलवायु परिवर्तन
दरअसल हर वर्ष विश्व जल दिवस के लिए एक थीम तय की जाती है। इस बार की थीम है "जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव" यानी लोगों को यह जागरूक करना है कि, जलवायु परिवर्तन का किस तरह से जल संसाधनों पर प्रभाव पड़ रहा है। आज हम पानी में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को महसूस भी कर सकते हैं। कई स्थानों पर, यह भविष्यवाणी की जाती है कि पानी की उपलब्धता कम है। कुछ स्थानों पर सूखे के कारण पानी की कमी हो रही है जो कि आम लोगों के स्वास्थ्य और उनकी उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। बता दें कि पिछले साल यानी विश्व जल दिवस 2019 की थीम थी- "किसी को पीछे नहीं छोड़ना"। पानी हमारे जीवन का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पानी की आपूर्ति में परिवर्तन खाद्य सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। 

1993 से मनाया जा रहा है विश्व जल दिवस
विश्व जल दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ, सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है। साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर ध्यान केंद्रित करना है। विश्व जल दिवस मनाने की पहल रियो डी जेनेरियो में 1992 में आयोजित पर्यावरण तथा विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में की गई थी। 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के बीच में जल संरक्षण का महत्व, साफ पीने योग्य जल का महत्व जैसे कई पानी से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरुकता जाना है।

पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका
पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग जल से घिरा हुआ है, 29 फीसदी भाग पर स्थल है। इस 29 प्रतिशत क्षेत्र पर ही इंसान और दूसरे प्राणी रहते हैं। कुल पानी का लगभग 97 फीसदी पानी समुद्र में पाया जाता है, लेकिन खारा होने के कारण इस पानी को पीने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सिर्फ ​तीन प्रतिशत पानी ही पीने लायक है, जो ग्लेशियर, नदी, तालाबों में पाया जाता है। इस तीन फीसदी पानी में भी 2.4 फीसदी हिस्सा ग्लेशियरों, दक्षिणी ध्रुवों पर जमा है, जबकि बचा हुआ 0.6 फीसदी पानी नदी, तालाबों, झीलों और कुओं में मौजूद है। जिसका हम उपयोग कर सकते हैं, इसलिए हमें जल को बचाना चाहिए। इसकी एक बूंद बूंद बहुत कीमती है, इसे व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए।

इस बार आप भी लें पानी बचाने का संकल्प-

  • शॉवर, स्वीमिंग पुल और बाथ टब की बजाय सामान्य रूप से नहाने से आप पानी बचा सकते हैं। 
  • वॉशिंग मशीन में कपड़ा धोने से पानी ज्यादा खर्च होता है इसलिए अगर आपको कम कपड़े धोने हैं तो हाथ से धोएं।
  • बर्तन धोने के लिए नल की जगह बाल्टी या टब का इस्तेमाल करके पानी बचाया जा सकता है। 
  • टूथ ब्रश करते समय यदि नल लगातार खुला रहता है तो एक बार में 4-5 लीटर पानी बह जाता है, इसलिए नल खुला न छोड़ें।
  • कार साफ करने के लिए बाल्टी में इस्तेमाल करें, इससे हर बार आप करीब 130 लीटर पानी बचा सकते हैं। 
  • बाथरूम में लीकेज से पानी बर्बाद हो जाता है, इसलिए तुरंत सुधरवा लिया जाना चाहिए।
  • प्रत्येक आरओ मशीन में हर साल करीब 14 हजार लीटर पानी नष्ट होता है इस पानी का इस्तेमाल पेड़-पौधों को सींचने और गाड़ी धोने में किया जा सकता है।

 

 

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