बंगाल में NRC पर बीजेपी दो कदम पीछे, घोष ने कहा- भविष्य का विषय
बंगाल में NRC पर बीजेपी दो कदम पीछे, घोष ने कहा- भविष्य का विषय
डिजिटल डेस्क, जलपाईगुड़ी। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर पश्चिम बंगाल में जंग छिड़ी हुई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य की जनता इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। अब भाजपा पश्चिम बंगाल में एनआरसी के मुद्दे पर दो कदम पीछे कर लिए है। राज्य के भाजपा इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि यह भविष्य का विषय है। उन्होंने इशारा भी किया कि बंगाल में एनआरसी लागू नहीं होगा।
घोष ने जलपाईगुड़ी में पत्रकारों से मुखातिब होते कहा, "सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के कारण असम में एनआरसी लागू किया था। कोर्ट के आदेश के आधार पर इसे लागू किया।" उन्होंने कहा कि अगर देशव्यापी जरूरत होगी तो केंद्र सरकार इसपर विचार करेगी। इससे पहले दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल में एनआरसी की वकालत की थी। पिछले नवंबर उपचुनावों में हार के बाद उन्होंने कहा था कि हार के लिए एनआरसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।
इससे पहले मंगलवार को कोलकाता के जाधवपुर यूनिवर्सिटी के नॉन टीचिंग स्टाफ ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को विश्वविद्लाय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने नहीं दिए। स्टाफ ने झंडे दिखाए और उनकी कार रोक ली। धनखड़ की कार विरोध प्रदर्शन के कारण यूनिवर्सिटी गेट पर फंस गई। प्रदर्शनकारी नो एनआरसी, नो सीएए लिखी तख्तियां भी लिए हुए थे। इस घटना को धनखड़ ने राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह कानून का उल्लंघन है।