प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के बाली में आयोजित सम्मेलन में कहा हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा
जी-20 शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के बाली में आयोजित सम्मेलन में कहा हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा
- शांति का रास्ता अपनाने का गंभीर प्रयास
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में कहा कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली सदी में WWII ने दुनिया में कहर बरपाया था जिसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का गंभीर प्रयास किया। अब हमारी बारी है।
बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन विभिन्न मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए नेताओं के लिए अद्भुत अवसर प्रस्तुत करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीदरलैंड के पीएम मार्क रूट ने इंडोनेशिया के बाली में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान बातचीत की: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) pic.twitter.com/8cSBgDSqGn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 15, 2022
मैंने हमेशा कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली सदी में WWII ने दुनिया में कहर बरपाया था जिसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का गंभीर प्रयास किया। अब हमारी बारी है: बाली में #G20Summit में PM मोदी pic.twitter.com/vOlw0GWjUq
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इंडोनेशिया के बाली में G20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाद संकट पर कहा कि आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए
आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए: इंडोनेशिया के बाली में G20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/iuJBO277ln
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2030 तक हमारी आधी बिजली नवीकरणीय ऊर्जा से पैदा होगी। समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए विकासशील देशों को समयबद्ध और किफायती वित्त और प्रौद्योगिकी की सतत आपूर्ति आवश्यक है
2030 तक हमारी आधी बिजली नवीकरणीय ऊर्जा से पैदा होगी। समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए विकासशील देशों को समयबद्ध और किफायती वित्त और प्रौद्योगिकी की सतत आपूर्ति आवश्यक है: इंडोनेशिया के बाली में G-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी #G20Summit
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वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा-सुरक्षा अहम है, क्योंकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए: बाली में G-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी pic.twitter.com/HwJrO5e9PH
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