पॉलिटिकल करियर न बनने के कारण डिप्रेशन में चल रहे थे रोहित शेखर
पॉलिटिकल करियर न बनने के कारण डिप्रेशन में चल रहे थे रोहित शेखर
- बेटे की मौत के बाद सामने आईं एनडी तिवारी की पत्नी
- बेटे के डिप्रेशन की वजह का नहीं किया खुलासा
- रोहित के बायोलॉजिकल फादर थे तिवारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूपी-उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर की मौत के बाद उनकी मां उज्ज्वला सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे ने अपने पिता का बहुत ध्यान रखा, लेकिन वह अवसाद से घिरा हुआ था, पॉलिटिकल करियर न बन पाने के कारण वह डिप्रेशन में चला गया था।
एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर का मंगलवार को निधन हो गया था, वो अपनी मां और पत्नी के साथ दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में रह रहे थे, मंगलवार को उनके नाक से खून बहने के बाद उन्हें मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। बुधवार को उनकी लाश का पोस्टमार्टम एम्स में किया गया। पांच डॉक्टरों की टीम ने डेढ़ घंटे तक उनका पोस्टमार्टम किया।
रोहित की मां ने एम्स में कहा कि रोहित अपने पॉलिटिकल करियर को लेकर काफी चिंतित था, जिसके कारण वो डिप्रेशन में भी चला गया था। बता दें कि मंगलवार को उज्ज्वला ने कहा था कि मेरे बेटे की मौत के पीछे की वजह का खुलासा में बुधवार को करूंगी, हालांकि उसकी मौत स्वाभाविक है। उन्होंने मंगलवार को यह भी कहा था कि मैं उस व्यक्ति का नाम भी बताऊंगी, जिसके कारण मेरा बेटा डिप्रेशन में था, लेकिन बुधवार को उन्होंने किसी का भी नाम नहीं लिया।
बता दें कि रोहित शेखर पेशे से लॉयर थे। रोहित ने खुद को एनडी तिवारी का बेटा साबित करने के लिए पेटरनेटी सूट दायर किया था। रोहित ने दावा किया गया था कि एनडी तिवारी उनके बायोलॉजिकल फादर है। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में शेखर ने दावा किया था कि वह एनडी तिवारी और उनकी मां उज्जवाला के बीच के अवैध संबंध से पैदा हुए थे।
हालांकि, तिवारी ने आरोपों को खारिज करते हुए, शुरुआत में DNA टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर जब तिवारी का DNA टेस्ट हुआ तो रोहित उनके बायोलॉजिकल बेटे निकले। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2014 में इसे लेकर एक आदेश भी पारित किया था।
पिछले साल जनवरी में, उत्तराखंड विधानसभा चुनावों से पहले रोहित पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हो गए थे। दरअसल, एनडी अपने पुत्र रोहित शेखर को राजनीति में स्थापित करने को लेकर प्रयासरत थे।