उत्राव दुष्कर्म केस: कुलदीप सेंगर सहित सभी 7 दोषियों को 10 साल की सजा
उत्राव दुष्कर्म केस: कुलदीप सेंगर सहित सभी 7 दोषियों को 10 साल की सजा
- कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात लोग दोषी
- केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सातों दोषियों के लिए अधिकतम सजा की मांग की
- सेंगर ने खुद को बताया निर्दोष
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की विशेष अदालत ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत के मामले में आज (शुक्रवार) फैसला सुनाया। अदालत ने कुलदीप सेंगर (Kuldeep Sengar) सहित सभी सात दोषियों को 10 साल कैद की सजा सुनाई है, सेंगर और उसके भाई पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें यह मामला 9 अप्रैल 2018 में पीड़िता के पिता की मौत से संबंधित हैं। जिसमें सेंगर और उसके भाई समेत सात लोगों को दोषी ठहराया गया था।
Unnao rape case (custodial death of father of victim matter):Delhi court has sentenced all convicts including expelled BJP MLA Kuldeep Singh Senger (in file pic) to 10 yrs imprisonment. Sengerhis brother Atul Senger to pay Rs. 10 lakhs each as compensation to the victim"s family pic.twitter.com/O1RO7aHMwN
— ANI (@ANI) March 13, 2020
वहीं गुरुवार को कार्यवाही के दौरान, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सातों दोषियों के लिए अधिकतम सजा की मांग की। सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि उन्हें अधिकतम सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि एक निर्दोष व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला गया। उन्होंने एक जघन्य अपराध किया। वहीं दोषियों के वकील ने सजा कम करने की गुजारिश की।
सेंगर ने अदालत से कहा कि वह निर्दोष है और उसे छोड़ दिया जाना चाहिए। सेंगर ने कहा, "मेरा पिछला रिकॉर्ड देखें और मुझे छोड़ दें। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।"एक पुलिस अधिकारी, जिसे इस मामले में दोषी ठहराया गया है, ने हाथ जोड़कर अदालत से गुहार लगाई कि उसका चरित्र हमेशा अच्छा रहा है। उसने कहा, मेरे पास घर नहीं है। मेरे बच्चे सड़क पर होंगे। जज ने पलटवार करते हुए कहा क् हर किसी का परिवार होता है। आपको अपराध करते समय इसके बारे में सोचना चाहिए था। आपने सिस्टम का मजाक उड़ाया है।
सभी दोषियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया जैसे कि आपराधिक साजिश, हत्या, सबूतों को गायब करना, उनसे छेड़खानी करना, गलत रिकॉर्ड तैयार करना और किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना और शस्त्र अधिनियम जैसे अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था।
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