दर्दनाक: भूख-प्यास से हुई मां की मौत, बच्चा उसके कफन को चादर समझकर खेलता रहा कि... शायद मां उठ जाए
दर्दनाक: भूख-प्यास से हुई मां की मौत, बच्चा उसके कफन को चादर समझकर खेलता रहा कि... शायद मां उठ जाए
डिजिटल डेस्क, मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर से बुधवार को ट्विटर पर एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ, जिसने भी देखा कुछ देर के लिए सन्न रह गया। हर किसी ने अपने ईश्वर से शिकायत की होगी कि आखिर वह कब तक गरीब की परीक्षा लेगा और कब तक हर समस्या के लिए सिर्फ गरीब व्यक्ति ही कीमत चुकाएंगे।
दरअसल, एक बच्चा अपनी मां के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहा है। जो चादर पड़ी है उसे खींचकर देख रहा है, जैसे अपनी मां को नींद से जगाना चाहता हो, लेकिन मां जागती नहीं। क्योंकि, जाग नहीं सकती। इस बच्चे की मां की मौत हो चुकी है। 2 साल और कुछ महीने का यह बच्चा अबोध है, मृत्यु को नहीं समझता। बच्चे को पता ही नहीं कि वह जिस मां के चादर के साथ खेल रहा है, दरअसल वह उसकी मां का कफन बन चुका है। वह काफी देर तक चादर के साथ इसी उम्मीद के साथ खेलता रहा कि मां उठ जाएगी। लेकिन, उसे नहीं पता कि मां जिससे दुनिया शुरू होती है और मां जिससे दुनिया खत्म होती है, अब कभी नहीं उठेगी।
बिहार के मुजफ्फरपुर का ये वीडियो हैं जहां एक बच्चा रेलवे स्टेशन पर मां से खेल रहा, उसे जगा रहा
— Kavish (@azizkavish) May 26, 2020
उसे नही पता उसकी मां हमेशा के लिए सो चुकी है, भीषण गर्मी में चार दिन से ट्रेन में भूखी प्यासी मां की मौत हो गयी pic.twitter.com/xQCRby2q5P
यह वीडियो किसने शूट किया, इसका अब तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन कई लोगों ने साेशल मीडिया पर इसे साझा किया। इसके बाद यह वायरल होता चला गया।
अहमदाबाद से बिहार के मधुबनी के लिए ट्रेन में बैठी थी महिला
दरअसल 25 मई को एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिहार के मुजफ्फरपुर पहुंची, जो गुजरात से चली थी। इस ट्रेन को मजदूरों को सकुशल घर पहुंचाने के लिए पहुंचाया गया था। लेकिन, जब तक यह ट्रेन स्टेशन पर आकर खड़ी होती, तब तक एक महिला की मौत हो चुकी थी। महिला का नाम अरवीना खातून (35) था। कठिहार जिले की यह महिला गुजरात के अहमदाबाद से बीते रविवार को अपनी बहन और जीजा के साथ बिहार के मधुबनी के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार हुई थी। बताया जा रहा है कि महिला की मौत खाना और पानी न मिलने की वजह से हुई है।
सोमवार को दोपहर करीब 12 बजे महिला की ट्रेन में मौत हो गई। ट्रेन मुजफ्फरपुर जंक्शन पर दोपहर के करीब तीन बजे पहुंची। इसी दिन एक दूसरी ट्रेन में चार साल के बच्चे इरशाद की मौत हुई थी। मुजफ्फरपुर के स्टेशन पर जब इन दोनों शवों को उतारा गया तो अफरा-तफरी मच गई। प्रवासी मजदूरों ने नाराजगी जताई तो पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। घटना को लेकर शासकीय रेल पुलिस के अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा है।
रेलवे पुलिस ने कहा- महिला एक साल से बीमार थी
जीआरपी के डिप्टी एसपी रमाकांत उपाध्याय ने कहा, "यह घटना 25 मई की है। महिला अहमदाबाद से आ रही थी। महिला की मधुबनी में मौत हो गई। उसकी बहन ने बताया कि अचानक ही महिला की मौत हो गई। खाने और पानी की कोई समस्या नहीं थी। महिला को पिछले एक साल से कोई बीमारी थी। वह दिमागी तौर से अस्थिर भी थी। मौत के कारणों के बारे में डॉक्टर ही बता सकते हैं।
चार साल के बच्चे की भी हुई थी मौत
ट्रेन में खाना और पानी न मिलने की शिकायतें भी मिल रही हैं। मुजफ्फरपुर स्टेशन पर सोमवार को चार साल के बच्चे इरशाद की भी मौत हुई थी। पश्चिम चंपारण जिले के तुलाराम घाट के रहने वाले मोहम्मद पिंटू शनिवार को दिल्ली से पटना के लिए चले थे। सोमवार सुबह मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे। मुजफ्फरपुर में बेतिया की ट्रेन में चढ़ने के दौरान इरशाद की मौत हो गई। पिंटू ने बताया कि उमस भरी गर्मी और खाना ना मिलने की वजह से बच्चे की मौत हो गई।
मजदूरों कर रहे शिकायत और मंत्री खेल रहे ट्विटर-ट्विटर
देश भर से प्रवासी श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिहार लौट रहे हैं। रोज 100 से अधिक ट्रेन प्रवासियों को लेकर बिहार आ रही हैं। ट्रेन में खाना और पानी न मिलने की शिकायतें भी मिल रही हैं। देश के रेलमंत्री पीयूष गोयल और राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर-ट्विटर खेल रहे हैं। मजदूरों की दुर्गती का जिम्मेदार न ठहरा दिए जाएं इस डर से केंद्र और राज्य सरकार ट्रेनों की होड़ में लगे हैं। अब गंतव्य वाले राज्य की मंजूरी नहीं चाहिए, जितना तालमेल था सब धराशाई हो गया।
हर दिन मजदूर कर रहे शिकायत
राज्यों से एक साथ इतनी ट्रेनें उत्तरप्रदेश और बिहार के लिए रवाना कर दी गईं कि रेलवे का तय रूट ही चोक हो गया। सोचिए, ट्रेनों का ट्राफिक जाम हो गया। मजबूरन रेलवे ने ज्यादा लंबाई वाले रूट पर भी कुछ एक ट्रेनों को रवाना कर दिया। मई की गर्मी और ट्रेनें तप रही हैं। अंदर मजदूर खिड़की बंद करके दुककर बैठे हैं, ताकि लू न लग जाए। बीच-बीच में खिड़की खोलकर देखते हैं कि गाड़ी रुकने वाली हैं क्या, पानी मिलेगा क्या, खाना मिलेगा क्या? जब ट्रेन रुकती है तो बिसकिट के लिए दूसरी बोगी के मजदूरों के साथ लड़ना पड़ता है। ऐसे हजारों वीडियो सोशल मीडिया पर तेर रहे हैं। घर कब आएगा कोई भरोसा नहीं हैं और जब आएगा, तब जीवित रहेंगे इसका भी भरोसा नहीं।
सरकार जागेंगी क्या?
मुजफ्फरपुर स्टेशन पर हुई महिला की मौत का असल कारण एक लंबी जांच के बाद आएगा और आएगा भी कि नहीं कौन जानें, क्योंकि मरने वाला एक गरीब है। बच्चे का यह वीडिया सोशल मीडिया पर तो खूब वायरल हो रहा है। बच्चे की कोशिश तो नाकाम रहीं, क्योंकि मां नहीं जागने वाली, सरकार जागेंगी क्या?