हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकी गिरफ्तार, बीजेपी-आरएसएस नेता की हत्या में थे शामिल
हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकी गिरफ्तार, बीजेपी-आरएसएस नेता की हत्या में थे शामिल
- पुलिस ने एक ओवरग्राउंड वर्कर को भी गिरफ्तार किया है
- ये आतंकी बीजेपी और आरएसएस नेता कि हत्या में शामिल थे
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को हिज्बुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादी और एक ओवरग्राउंड वर्कर को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि ये आतंकी किश्तवाड़ क्षेत्र में हुई वरिष्ठ भाजपा और आरएसएस नेता की हत्या में शामिल थे।
आईजीपी जम्मू जोन मुकेश सिंह ने कहा कि हत्या की साजिश हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर जहांगीर सरौरी ने रची थी। गिरफ्तार किए गए आतंकी किश्तवाड़ के रहने वाले हैं और उनकी पहचान निसार अहमद शेख, निषाद अहमद और आजाद हुसैन के रूप में की गई है। चौथा गिरफ्तार व्यक्ति का नाम रुस्तम है जो एक ओवरग्राउंड वर्कर था। रुस्तम ने निसार और निषाद की छिपने में मदद की थी। सिंह ने कहा कि किश्तवाड़ पुलिस उपायुक्त के पीएसओ और पीडीपी नेता से हथियार छीनने की घटनाओं में भी ये लोग शामिल थे।
Jammu Kashmir: Three Hizbul-Mujahideen terrorists arrested in Kishtwar. They have been arrested in killing of Chanderkant Sharma(BJP) his PSO. Among theses arrested people, one is Nisar Ahmad Sheikh, who was part of conspiracywas present during killing of Anil Parihar (BJP). pic.twitter.com/hLzGs2a9CB
— ANI (@ANI) September 23, 2019
बता दें कि बीजेपी के राज्य सचिव अनिल परिहार और उनके बड़े भाई अजीत परिहार की हत्या नवंबर 2018 में हुई थी। घाटी में पंचायत चुनावों से कुछ दिन पहले अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। भाजपा नेता सेवा राम परिहार के बेटे, अनिल परिहार क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता थे। मुसलमानों के बीच भी उनका एक बड़ा जन आधार था। अनिल परिहार पहले से ही आतंकवादियों की हिट लिस्ट में थे। इसी वजह से उनकी सुरक्षा के लिए निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) तैनात किए गए थे। सूत्र बताते हैं कि हमले के वक्त पीएसओ उनके साथ नहीं थे।
आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी चंद्रकांत शर्मा और उनके पीएसओ की भी इस साल अप्रैल में हत्या कर दी गई थी। वह किश्तवाड़ और डोडा जिलों में आरएसएस के प्रभारी थे। आतंकवादियों ने एक अस्पताल में घुसकर हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया था। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, इस वारादत को अंजाम देने वालों में कम से कम तीन आतंकवादी थे।
दो आतंकियों ने अस्पताल में प्रवेश करने के लिए पीछे के प्रवेश द्वार का उपयोग किया था जबकि तीसरा आतंकी बाहर खड़ा रहा। आतंकवादियों ने पहले कुमार पर गोली चलाई, जो अस्पताल के ओपीडी के बाहर भीड़भाड़ वाले कॉरिडोर में खड़े थे, और फिर कमरे से बाहर निकलने के बाद शर्मा को गोली मार दी। आतंकियों ने कुमार की AK-47 भी छीन ली थी।