अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग पर रिपोर्टिंग से रोक लगाने पर सुप्रीम कोर्ट का इंकार, शीर्ष अदालत ने कहा मीडिया पर रोक नहीं लगा सकते, सिर्फ मामले पर सुनवाई होगी
'अडानी' पर सुप्रीम फैसला! अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग पर रिपोर्टिंग से रोक लगाने पर सुप्रीम कोर्ट का इंकार, शीर्ष अदालत ने कहा मीडिया पर रोक नहीं लगा सकते, सिर्फ मामले पर सुनवाई होगी
- कोर्ट करेगी समिति का गठन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले अडानी ग्रुप को लेकर आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर मीडिया कवरेज न करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसे शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है। इस मामले में फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिज (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह मीडिया पर रोक नहीं लगा सकते हैं, कोर्ट केवल इस मामले में अपना फैसला सुनाएंगे।
गौरतलब है कि, 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से पब्लिश रिपोर्ट के संबंध में चार याचिकाओं के बैंच में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद अडानी ग्रुप को 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है।
वकील ने की यह मांग
वकील एलएल शर्मा ने दायर याचिका में सेबी और केंद्रीय गृह मंत्रालय से मांग की है कि हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन और भारत में मौजूद उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच करने और प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निर्देश दें। इससे पहले शर्मा ने लिस्टेड कंपनियों से संबंधित मीडिया रिपोर्टों को रोकने के लिए एक गैग आदेश भी मांगा था।
कोर्ट करेगी समिति का गठन
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ कर रहे हैं। मालूम हो कि 17 फरवरी को मामले की सुनवाई दौरान पीठ ने कहा था कि अदालत अपने दम एक समिति को नियुक्त करेगी, क्योंकि सरकार की ओर सीलबंद कवर सुझाव को स्वीकार करने से यह आभास हो सकता है कि यह सरकार की ओर से नियुक्त की गई समिति है। इसलिए अदालत ने सीलबंद कवर में दिए गए सुझाव को भी खारिज दिया।