जिस लड़ाकू विमान से अभिनंदन ने पाक के छुड़ाए थे छक्के, वह मिग-21 विमान वायुसेना से होगा रिटायर, जानिए वजह
सेना से हटेंगे उड़ता ताबूत कहे जाने वाले मिग-21 जिस लड़ाकू विमान से अभिनंदन ने पाक के छुड़ाए थे छक्के, वह मिग-21 विमान वायुसेना से होगा रिटायर, जानिए वजह
- हालिया वर्षों में कई मिग-21 विमान दर्घटनाग्रस्त हुए हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना मिग-21 लड़ाकू विमानों को अपने बेड़े से हटाने जा रही है। एयरफोर्स के एक ऑफिसर के मुताबिक आने वाले 30 सितंबर को सेना ने अपने मिग-21 फाइटर्स प्लेन के चार बचे हुए स्क्वाड्रनों में एक को रिटायर करने जा रही है। गौरतलब है कि विंग कमांडर अभिनंदन ने 2019 में इसी विमान पर सवार होकर एलओसी के पास पाकिस्तान फाइटर प्लेन एफ-16 को ध्वस्त कर दिया था। उनकी इस बहादुरी के लिए भारत सरकार ने उन्हें वीर चक्र से नवाजा था। बता दें कि उस वक्त ग्रुप कैप्टन अभिनंदन 51 वें स्क्वाड्रन में थे।
इस तरह अभिनंदन ने किया था पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को धरासाई
फरवरी 2019 में पाकिस्तान की तरफ से किए गए हवाई हमले का जवाब देने के लिए विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 लड़ाकू विमान से उड़ान भरी थी। तब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने पर हमला किया था। भारत की तरफ से की जा रही जवाबी कार्रवाई में मिग-21 में सवार कैप्टन अभिनंदन विमान समेत पीओके में गिर गए थे। जहां पाकिस्तानी सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद भारत सरकार के कूटनीतिक दवाब की वजह से पाकिस्तानी सरकार ने केवल दो दिन में ही अभिनंदन को ससम्मान रिहा कर दिया था। बता दें कि भारतीय वायुसेना में शामिल मिग-21 एयरक्राफ्ट काफी पुराने हैं, लेकिन इसके बावजूद भी अभिनंदन ने अपनी बहादुरी और सूझबूझ से इससे पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ-16 विमानों को मार गिराया था। अभिनंदन की इस बहादुरी के लिए सरकार से लेकर आम नागरिकों ने भी उनकी जमकर तारीफ की थी।
क्यों कहा गया उड़ता ताबूत?
हालिया वर्षों में कई मिग-21 विमान दर्घटनाग्रस्त हुए हैं। बात करें बीते 6 दशकों की तो इस दौरान 400 से ज्यादा मिग-21 हादसे का शिकार हुए हैं जिनमें लगभग 200 पायलटों की मौत हुई है। बार-बार हुई इन दुर्घटनाओं के चलते ही इनका नाम उड़ता ताबूत पड़ गया। लगातार होते हादसों की वजह से इन विमानों की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे थे। बता दें कि इन विमानों को 1963 में वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था।
जगुआर और तेजस भी हो सकते हैं रिटायर
मिग-21 की तरह ही पुराने हो चुके जगुआर और तेजस लड़ाकू विमान भी सेना के बड़े से रिटायर हो सकते हैं। दरअसल वायुसेना इन्हें अपडेट करने की योजना भी बना रही है पर इनके अपडेशन पर काफी खर्च आ रहा है। जिसके चलते इन्हें अपग्रेड करने की जगह रिटायर करने का फैसला सेना ले सकती है। उसकी वजह यह है कि जितना खर्च इनको अपग्रेड करने में किया जाएगा, उसकी जगह नए आधुनिक विमान खरीदे जा सकते हैं।