Black Money: मोदी सरकार को कालेधन के खिलाफ बड़ी सफलता, स्विस बैंक से भारतीय खाताधारकों की दूसरी सूची मिली
Black Money: मोदी सरकार को कालेधन के खिलाफ बड़ी सफलता, स्विस बैंक से भारतीय खाताधारकों की दूसरी सूची मिली
- 100 से अधिक भारतीयों और संस्थाओं के बारे में जानकारी साझा की
- इस साल 31 लाख वित्तीय खातों की सूचना दी गई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। काले धन के खिलाफ लड़ाई में सरकार को एक और बड़ी सफलता मिली है। शुक्रवार को भारत और स्विट्जरलैंड के बीच कालेधन की सूचना संधि के स्वत: आदान-प्रदान की नई व्यवस्था के तहत अपने नागरिकों के स्विस बैंक खातों की दूसरी सूची स्विट्जरलैंड सरकार से हासिल हो गई है। स्विट्जरलैंड सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि उसने 86 देशों के साथ 31 लाख वित्तीय खातों की जानकारी साझा की है।
बता दें कि इससे पहले स्विटजरलैंड ने सितंबर 2019 में भारत समेत 75 देशों के साथ जानकारी साझा की थी। काले धन से लड़ने की दिशा में एक बड़े कदम के तौर पर भारत को स्विस बैंक में उसके नागरिकों की जानकारी दी थी।
इस साल 31 लाख वित्तीय खातों की सूचना दी गई
एफटीए ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि भारत को AEOI (सूचना का स्वचालित विनिमय) के तहत सितंबर 2019 में स्विट्जरलैंड से विवरण का पहला सेट मिला था, जब इसमें 75 देश शामिल थे। इस साल सूचना के आदान-प्रदान में लगभग 3.1 मिलियन (31 लाख) वित्तीय खाते शामिल थे। हालांकि वक्तव्य में स्पष्ट रूप से भारत का नाम नहीं था। अधिकारियों ने बताया कि भारत उन प्रमुख देशों में से है, जिनके साथ स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों के ग्राहकों और विभिन्न अन्य वित्तीय संस्थानों के वित्तीय खातों के बारे में विवरण साझा किया है।
100 से अधिक भारतीयों और संस्थाओं के बारे में जानकारी साझा की
अधिकारियों ने कहा कि स्विस अधिकारियों ने भारत के अनुरोध पर पिछले एक साल में 100 से अधिक भारतीय नागरिकों और संस्थाओं के बारे में जानकारी साझा की है, जिनके खिलाफ कर चोरी और वित्तीय गड़बड़ियों की जांच चल रही थी। ये मामले ज्यादातर पुराने खातों से संबंधित हैं, जो 2018 से पहले बंद हो चुके हैं। इनमें से कुछ मामले भारतीयों द्वारा पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और केमैन आइलैंड जैसे स्थानों की संस्थाओं में जमा धन से संबंधित हैं। इनमें से ज्यादातर व्यापारी हैं, जबकि कुछ राजनेता और उनके परिजन भी शामिल हैं। हालांकि, अधिकारियों ने गोपनीयता का हवाला देते हुए भारतीयों के मौजूदा खातों की संख्या या इनमें जमा धनराशि के बारे में ब्यौरा देने से इनकार किया।