SSR CASE: सुशांत के फ्लैट पर CBI ने क्राइम सीन रीक्रिएट किया, पड़ोसी महिला ने कहा- 13 जून की रात को एक्टर के घर की लाइट बंद थी
SSR CASE: सुशांत के फ्लैट पर CBI ने क्राइम सीन रीक्रिएट किया, पड़ोसी महिला ने कहा- 13 जून की रात को एक्टर के घर की लाइट बंद थी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआई की एक टीम शनिवार दोपहर अभिनेता के बांद्रा स्थित फ्लैट पर पहुंची। यहां करीब 6 घंटे से भी ज्यादा देर तक जांच पड़ताल करने के बाद वापस लौटी। एक अधिकारी ने बताया कि राजपूत के फ्लैट में सीबीआई की टीम फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ मिल कर अपराध के घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ने पहुंची, जहां वह 14 जून को कथित तौर पर फंदे से लटकते पाए गए थे। यहां सुशांत की कथित आत्महत्या के सीन को रिक्रिएट किया गया और अन्य सुबूत भी इकट्ठा किए गए। सूत्रों के मुताबिक, सुशांत के वजन के बराबर एक डमी को ले जाकर मौत के सीन (14 जून) को रीक्रिएट किया गया। वहीं पड़ोसी महिला ने कहा कि सुशांत की घर की लाइट कभी बंद नहीं होती थी, लेकिन 13 जून की रात किचन को छोड़कर पूरे घर की लाइट बंद थी। कुछ तो गड़बड़ है।
Maharashtra: A team of forensic experts at the residence of #SushantSinghRajput in Mumbai. https://t.co/LThfYwQkOq pic.twitter.com/lVFknUKBzh
— ANI (@ANI) August 22, 2020
केंद्रीय एजेंसी की टीम और फोरेंसिक विशेषज्ञ दोपहर ढाई बजे मों ब्लां अपार्टमेंट पहुंचे। टीम अभिनेता के फ्लैट में पांच घंटे से अधिक समय तक रहने के बाद रात करीब आठ बजे से वहां से रवाना हुई। अधिकारी ने बताया कि वे घटना की उन कड़ियों को जोड़ने के लिए फ्लैट में पहुंचे जिनके कारण अभिनेता की मौत हुई थी। जांच एजेंसी अभिनेता के कुक नीरज सिंह, दीपेश सावंत और सिद्धार्थ पिठानी को भी अपने साथ लेकर गई। अफसरों ने तीनों के बयान कैमरे में दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक, टीम ने सिद्धार्थ और दीपेश से फंदे में लटकी डमी को ठीक वैसे ही उतारने के लिए कहा जैसा इन्होंने 14 जून को किया था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि पंखा उस डमी का वजन सह सका या नहीं।
CBI के अधिकारी और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) के विशेषज्ञ सात से अधिक वाहनों में उनके आवास पर पहुंचे। उनके पहुंचते ही मीडियाकर्मियों और लोगों की वहां भारी भीड़ लग गई। टीम पहले भवन के छत पर गई और फिर फ्लैट में गई। अधिकारी ने बताया कि सीबीआई टीम जांच कर रही थी कि क्या आत्महत्या वहां पर संभव थी।
पड़ोसी महिला का दावा- 13 जून को सुशांत के घर की लाइट जल्द बंद हो गई थी
सुशांत के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने खुलासा किया कि 13 जून की रात को 10 से 11 के बीच लाइट बंद हो गई थी। आमतौर पर सुशांत के घर की लाइट सुबह 4 बजे तक जली रहती थी। मुझे इसमें कुछ गड़बड़ लगता है। पहले कहा जा रहा था कि 13 जून की रात को सुशांत के घर पर पार्टी हुई थी। दूसरे दिन 14 जून को उनकी मौत हो गई थी। घर में रहने वाली एक महिला ने संवाददाताओं को बताया कि सुशांत की मौत से एक दिन पहले उनके आवास पर कोई पार्टी नहीं हुई थी, जैसा कि मीडिया के एक धड़े में दावा किया गया था।
सीबीआई ने इन चीजों को मुंबई पुलिस से अपने कब्जे में लिया
- सुशांत के 3 मोबाइल फोन, सुशांत का लैपटॉप।
- वो मग जिसमें सुशांत ने जूस पिया था।
- सुशांत ने उस समय जो कपड़े पहने थे और फंदे के लिए इस्तेमाल में किए गए हरे रंग का कपड़ा।
- ऑटॉप्सी और फोरेंसिक रिपोर्ट भी सीबीआई को मिल गई है।
- सुशांत के घर और फॉर्म हाउस से बरामद डायरी।
- 13 से 14 जून की सीसीटीवी फुटेज भी सीबीआई को सौंपी गई हैं।
- रिया चक्रवर्ती, शोविक चक्रवर्ती और इस केस से जुड़े सभी लोगों की सीडीआर।
- 56 गवाहों के बयान की कॉपी भी सीबीआई की टीम ने मुंबई पुलिस से ली है।
रिपोर्ट में कई खामियां, मौत का वक्त तक नहीं बताया
शनिवार को सीबीआई की एक टीम कूपर अस्पताल पहुंची, जहां सुशांत की अटॉप्सी करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ की गई। इस दौरान सीबीआई की पूछताछ में सुशांत की अटॉप्सी करने वाले एक डॉक्टर ने बताया कि मुंबई पुलिस ने उनसे पोस्टमॉर्टम जल्दी करने के लिए कहा था। वहीं सीबीआई को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई खामियां नजर आई हैं, जैसे कि रिपोर्ट में सुशांत की मौत का वक्त तक नहीं बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक- सुशांत के गले पर 33 सेमी लंबा "लिगेचर मार्क था। बोलचाल की भाषा में "गहरा निशान" कहते हैं। आमतौर पर ये "यू" शेप में होता है। जो बताता है कि गले पर रस्सी या ऐसी ही किसी चीज से भारी दबाव पड़ा। इस रिपोर्ट पर सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने सवाल खड़े किए। सिंह ने कहा- जिन बातों का मौत के वक्त जिक्र किया गया था, उनकी डिटेल ऑटोप्सी रिपोर्ट में क्यों नहीं है। ऑटोप्सी रिपोर्ट में मौत का वक्त तक नहीं बताया गया। आखिर, ऐसा क्यों किया गया।
पोस्टमॉर्टम की फाइलों की जांच करेगी एम्स की टीम
एम्स ने सुशांत की ऑटोप्सी फाइल की जांच के लिए पांच एक्सपर्ट्स का पैनल बनाया है। सीबीआई ने रिपोर्ट पर एम्स से राय देने को कहा था। एम्स के फॉरेंसिंक हेड डॉ. सुधीर गुप्ता इस टीम को लीड करेंगे। उन्होंने बताया कि हम हत्या की आशंका के अलावा भी सभी एंगल से जांच करेंगे। गुप्ता ने आगे कहा कि डेथ बॉडी पर जो निशान मिले हैं, उनका उनका सबूतों से मिलान किया जाएगा। विसरा सुरक्षित है। इसकी जांच की जाएगी। डिप्रेशन दूर करने के लिए सुशांत को जो दवाएं दी जा रहीं थीं, उनका भी लैब टेस्ट किया जाएगा।
जानिए 14 जून से अब तक क्या-क्या हुआ
- 14 जून : सुशांत सिंह राजपूत (34 वर्ष) का शव मुंबई के बांद्रा स्थित उनके अपार्टमेंट में छत के पंखे से लटका मिला। मुंबई पुलिस ने आकस्मिक मौत का कारण पता करने के लिए सीआरपीसी के तहत जांच शुरू की।
- 18 जून : सुशांत सिंह राजपूत की महिला मित्र तथा अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने मुंबई पुलिस के समक्ष बयान दर्ज कराया।
- 6 जुलाई : फिल्मकार संजय लीला भंसाली ने इस मामले में बयान दर्ज कराया।
- 18 जुलाई : फिल्मकार और यशराज फिल्म्स (वाईआरएफ) के अध्यक्ष आदित्य चोपड़ा ने मुंबई पुलिस के समक्ष बयान दर्ज कराया।
- 25 जुलाई : राजपूत के पिता के के सिंह ने अपने बेटे को आत्महत्या के लिये उकसाने समेत कई आरोपों के तहत पटना में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
- 27 जुलाई : मुंबई पुलिस ने फिल्मकार महेश भट्ट का बयान दर्ज किया।
- 29 जुलाई : रिया चक्रवर्ती प्राथमिकी को पटना से मुंबई स्थानांतरित कराने के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंचीं।
- 31 जुलाई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि उसने इस प्रकरण में धनशोधन का मामला दर्ज किया है।
- 4 अगस्त : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करती है। मुंबई पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस मामले में कुल 54 लोगों ने बयान दर्ज कराए हैं।
- 6 अगस्त : सीबीआई ने कहा कि उसने मामले में प्राथमिकी दर्ज की है।
- 7 अगस्त : केंद्र सरकार ने रिया की याचिका में खुद को एक पक्ष बनाए जाने के लिये उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
- 8 अगस्त : राजपूत के पिता के के सिंह ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर रिया की अपील का विरोध किया।
- 10 अगस्त : रिया ने मीडिया ट्रायल का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय में नयी याचिका दायर की।
- 11 अगस्त : महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि बिहार पुलिस ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर काम किया है। उच्चतम न्यायालय ने रिया की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
- 19 अगस्त : उच्चतम न्यायालय ने पटना में दर्ज प्राथमिकी को सीबीआई को स्थानांतरित करने का फैसला बरकरार रखा।