मायावती के बाद गठबंधन पर बोले अखिलेश- सपा भी अकेले लड़ेगी उपचुनाव
मायावती के बाद गठबंधन पर बोले अखिलेश- सपा भी अकेले लड़ेगी उपचुनाव
- अखिलेश ने कहा-अगर रास्ते अलग हैं तो हम भी लोगों का स्वागत करेंगे
- उपचुनाव में अगर अकेले लड़ने का फैसला हुआ है
- तो हम भी तैयार
- यूपी में सपा-बपसा गठबंधन पर अखिलेश यादव का बयान
डिजिटल डेस्क, गाजीपुर। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद यूपी का सपा-बसपा गठबंधन टूटने की कगार में पहुंच गया है। मंगलवार को मायावती ने गठबंधन पर अस्थाई ब्रेक लगाते हुए ऐलान किया है कि सपा आगामी विधानसभा उपचुनाव अकेले लड़ेगी। मायावती के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी साफ कर दिया है कि अगर रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका भी स्वागत है। इसके साथ ही अखिलेश ने भी अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
SP Chief Akhilesh Yadav on SP-BSP coalition: If the coalition has broken, I will reflect deeply on it if the coalition isn"t there in the by-elections, then Samajwadi Party will prepare for the elections. SP will also fight on all 11 seats alone pic.twitter.com/cl1LklZq09
— ANI UP (@ANINewsUP) June 4, 2019
अखिलेश यादव गाजीपुर में एसपा कार्यकर्ता के परिजनों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, लोकसभा चुनाव के बाद सबसे ज्यादा राजनैतिक हत्याएं हो रही हैं। गठबंधन को लेकर यही कहूंगा अगर गठबंधन टूटा है तो उस पर बहुत सोच-समझकर विचार करूंगा। अगर रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका भी स्वागत और सबको बधाई। अखिलेश ने ये भी कहा कि, अगर उपचुनाव में अकेले लड़ने का फैसला हुआ है, तो फिर हम भी अकेले ही चुनाव लड़ने की तैयारी करेंगे। सपा अकेले सभी 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
बता दें कि गाजीपुर में सपा कार्यकर्ता विजय यादव की हत्या हो गई थी। अखिलेश ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, मेरे लिए जरूरी है जिसकी हत्या हुई है उसे न्याय मिले। समाजवादी सरकार में लोगों की मदद होती थी आज मदद नहीं हो रही है। यह सरकार कानून व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रही है।
अखिलेश से पहले मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, यादवों ने महागठबंधन को वोट नहीं किया है, इसलिए सियासी मजबूरियों की वजह से फिलहाल गठबंधन को अस्थाई तौर पर ब्रेक लगा रही हैं। साथ ही मायावती ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी विधानसभा उपचुनाव में अकेले मैदान में उतरेगी। मायावती ने ये भी साफ किया कि, अखिलेश और डिंपल ने उन्हें बहुत सम्मान दिया, इसलिए अब परिवार से निजी रिश्ते कभी नहीं टूटेंगे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। बीएसपी को 10 और एसपी को 5 सीटें ही हासिल हुई थीं।