आरोपों पर सियासत गर्म: अडानी ग्रुप से 100 करोड़ लेने पर सीएम रेवंत रेड्डी ने किया पार्टी का स्टैंड क्लीयर, कहा- अडानी के 100 करोड़ अस्वीकार
- अमेरिका के अडानी ग्रुप पर आरोपों से सियासत तेज
- तेलंगाना सीएम ने 100 करोड़ रुपये दान को लेकर साफ किया रुख
- तेलंगाना सरकार से करोड़ो रुपये के दान लेने को ठुकराया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उद्योगपति गौतम अडानी समूह पर अमेरिका के आरोपों से देश की सियासत गरमाई हुई है। इसके लिए विपक्ष जमकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा रहा है। इस कड़ी में तेलंगाना में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अडानी ग्रुप के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, तेलंगाना सरकार ने अडानी ग्रुप से 100 करोड़ रुपये का दान लेने से मना कर दिया है।
अडानी समूह के दान पर सीएम रेड्डी का इनकार
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा, "कई कंपनियों ने यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी को फंड दिया है। इसी तरह, अडानी समूह ने भी 100 करोड़ रुपये दिए हैं। कल, हमने सरकार की ओर से अडानी को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार अडानी ग्रुप की ओर से दिए गए 100 करोड़ रुपये को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। मैं राज्य सरकार की ओर से अडानी समूह से 100 करोड़ रुपये स्वीकार न करने के निर्णय को दोहराना चाहता हूं।"
तेलंगाना सरकार में औद्योगिक संवर्धन, उद्योग और वाणिज्य विभाग के विशेष मुख्य सचिव और आयुक्त जयेश रंजन ने डॉ. प्रीति अडानी को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा, "हम आपके फाउंडेशन की ओर से यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी को 100 करोड़ रुपये देने के लिए आपके आभारी हैं, जिसके लिए आपने 18.10.2024 को पत्र लिखा था। हमने अभी तक किसी भी दानकर्ता से धन के भौतिक हस्तांतरण के लिए नहीं कहा है, क्योंकि विश्वविद्यालय को धारा 80 जी के तहत आईटी छूट नहीं मिली है। हालांकि यह छूट आदेश अभी हाल ही में आया है, लेकिन मुझे माननीय मुख्यमंत्री की ओर से वर्तमान परिस्थितियों और उत्पन्न विवादों के मद्देनजर धन हस्तांतरण की मांग न करने का निर्देश दिया गया है।"
तेलंगना सरकार पर भाजपा हमलावर
बता दें, अमेरिका में अडानी ग्रुप पर भ्रष्टाचार करने के आरोपों के बाद तेलंगाना सरकार और सीएम रेड्डी पर अडानी ग्रुप को राज्य में निवेश के लिए बढ़ावा देने का आरोप लग रहा है। इसे लेकर भारत राष्ट्र समिति और भाजपा ने तेलंगाना की रेड्डी सरकार की निंदा की है। इस पर रेवंत रेड्डी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "तेलंगाना के सम्मान और गरिमा की रक्षा करने तथा मेरे और मेरे कैबिनेट सहयोगियों से जुड़े किसी भी अवांछित विवाद से बचने के लिए हमने अडानी के दान को अस्वीकार करने का फैसला किया है। हमने किसी से एक रुपया भी नहीं लिया है।"