एक साल के सरकार से टकराव के बाद SKM की बैठक खत्म, ये नाम हुए तय
किसान आंदोलन खत्म होगा या नहीं? एक साल के सरकार से टकराव के बाद SKM की बैठक खत्म, ये नाम हुए तय
- किसान आंदोलन की रणनीति पर चर्चा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा की आज की अहम बैठक खत्म हो गई है। मीटिंग में संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के साथ बात करने के लिए 5 नेताओं के नाम तय करते हुए एक समीति बनाई है। जिसमें युद्धवीर सिंह,बलबीर राजेवाल, गुरनाम चढूनी, शिव कुमार कक्का, अशोक धवले के नाम शामिल हैं। जो सरकार के साथ सभी मुद्दों पर बात करेंगी। संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी।
एसकेएम ने मृत 702 किसानों के नाम केंद्र सरकार को भेजे हैं। जिनकी मौत किसान आंदोलन के दौरान हुई । किसानों ने ये नाम तब दिए है जब केंद्र सरकार ने सदन में मृत किसानों के रिकॉर्ड न होने का हवाला देते हुए कहा कि मुआवजा का मना किया। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि आज की बैठक में एमएसपी, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे के साथ किसानों पर मुकदमें को वापस लेना और मुआवजा का मुद्दा शामिल हैं। बैठक खत्म करने को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार जब तक चाहेगी तब तक ये आंदोलन चलता रहेगा।
एक साल से अधिक समय से आंदोलित किसान आंदोलन अब खत्म होगा या नहीं या फिर शर्तो के साथ सरकार से किसान टकराव बना रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर अहम बैठक 4 दिसंबर को सुबह 11 बजे शुरू हुई। जिसमें किसान आंदोलन की आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। तीनों कृषि कानून वापस लेने के पीएम नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद जिस संसदीय प्रक्रिया से कानून आए उसी तरह रद्द भी हो गए।
हालांकि तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर किसान अब भी अड़ हुए हैं। और किसान आंदोलन लगातार जारी है। जिसके भविष्य को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर बैठक है। जिसमें किसान आंदोलन के आगे की रणनीति पर चर्चा होगी साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा बैठक में उन नामों पर भी मुहर लगा सकता है जो मोदी सरकार द्वारा किसान संगठनों से पांच नाम मांगे गए थे।
जिस पर संयुक्त किसान मोर्चा की आज की अहम बैठक खत्म हो गई है। मीटिंग में संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के साथ बात करने के लिए 5 नेताओं के नाम तय करते हुए एक समीति बनाई है
आज की बैठक में किसान सभी लंबित मांगों और केंद्र सरकार के रुख पर विस्तार से चर्चा करेंगे और भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। वहीं अगले हफ्ते संयुक्त किसान मोर्चा की एक और बैठक बुलाई जा सकती है। जिससे साफ पता चलता है कि दिल्ली में जारी धरना अभी कुछ दिन और देखने को मिलेगा। किसान इन कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मांगों को लेकर पिछले एक साल से आंदोलनरत हैं। किसानों का कहना है जब तक उनकी सभी मांगों पर नहीं मान ली जाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।