शिरडी : साईं बाबा के जन्मस्थान का सुलझा विवाद, सीएम ठाकरे ने स्वीकार की ट्रस्ट की मांग

शिरडी : साईं बाबा के जन्मस्थान का सुलझा विवाद, सीएम ठाकरे ने स्वीकार की ट्रस्ट की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-20 12:15 GMT
शिरडी : साईं बाबा के जन्मस्थान का सुलझा विवाद, सीएम ठाकरे ने स्वीकार की ट्रस्ट की मांग
हाईलाइट
  • साईंबाबा की जन्मभूमि का विवाद सुलझता हुआ दिखाई दे रहा है
  • बैठक में सीएम ठाकरे ने ट्रस्ट की मांगों को स्वीकार कर लिया
  • सीएम ठाकरे ने सोमवार को श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की

डिजिटल डेस्क, मुंबई। साईंबाबा की जन्मभूमि का विवाद सुलझता हुआ दिखाई दे रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। बैठक में सीएम ठाकरे ने ट्रस्ट की मांगों को स्वीकार कर लिया। बता दें कि सीएम ठाकरे ने पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान बताया था जिससे विवाद पैदा हो गया था। इस विवाद के चलते रविवार से शिरडी गांव को अनिश्चितकाल के लिए बंद रखने का फैसला लिया गया था।

सीएम ठाकरे ने दिया आश्वासन
श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के प्रतिनिधिमंडल के प्रतिनिधि और शिवसेना नेता कमलाकर कोठे ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हमारी मांगों को स्वीकार कर लिया है। शिरडी के लोग उनकी कही गई बातों से संतुष्ट हैं। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि कोई नया विवाद नहीं बनाया जाएगा और हम मामले को समाप्त कर रहे हैं।

क्या कहा था सीएम ठाकरे ने?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 9 जनवरी को अपने एक भाषण में परभणी जिले में स्थित पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान बताते हुए उसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपए की निधि देने का ऐलान किया था। सीएम ठाकरे के इस फैसले से शिरडी के लोग नाराज हो गए थे।

बाबा ने नहीं बताया था अपना जन्मस्थान
शिरडी के विधायक राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा कि इतने वर्षों से शिरडी साईं बाबा की भूमि रही है। राज्य सरकार के इस फैसले से करोड़ों साईं भक्तों को ठेस पहुंची है। बाबा के जन्मस्थान का यह विवाद बेबुनियाद है। शिरडी के लोगों का कहना है कि साईंबाबा ने कभी नहीं बताया उनका जन्म कहा हुआ था। शिरडी के पूर्व नगरसेवक तुषार गोंदकर ने भी कहा कि बाबा कहां से आए थे यह बात उन्होंने कभी नहीं बताई थी।

शिरडी के कारण नहीं हो सका पाथरी का विकास
पाथरी के लोगों का आरोप है कि शिरडी के कारण ही उनका विकास नहीं हो पा रहा है। पाथरी की जनता का कहना है कि अगर उनके यहां विकास हुआ तो शिरडी को निश्चित तौर पर आर्थिक नुकसान होगा। दूसरा तीर्थक्षेत्र साईं बाबा के नाम से विकसित हुआ तो शिरडी का महत्व कम हो जाएगा। परभणी के रहने वाले राकांपा के विधान परिषद सदस्य बाबाजानी दुर्राना कहा कि पाथरी बाबा की जन्मभूमि और शिरडी कर्मभूमि है। दोनों स्थानों का अपना महत्व है। इसको लेकर पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। 

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