मुंबई की वर्ली सीट पर ठाकरे का कब्जा, ट्विटर पर 'आदित्य फॉर सीएम' कर रहा ट्रेंड
मुंबई की वर्ली सीट पर ठाकरे का कब्जा, ट्विटर पर 'आदित्य फॉर सीएम' कर रहा ट्रेंड
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने गुरुवार को मुंबई के वर्ली विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की। 29 वर्षीय युवा सेना प्रमुख ने अपने एनसीपी प्रतिद्वंद्वी सुरेश माने को 70,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया। ठाकरे, जिन्हें उनकी मुख्यमंत्री बनाना चाहती है, वह चुनाव मैदान में उतरने वाले अपने परिवार के पहले सदस्य हैं। ट्विटर पर भी आदित्य की जीत के बाद आदित्य फॉर सीएम ट्रेंड कर रहा है।
दक्षिण मुंबई में स्थित निर्वाचन क्षेत्र वर्ली में बीते वर्षों में बड़ा बदलाव देखा गया है। टैक्सटाइल हब होने से लेकर आलीशान गगनचुंबी इमारतों और आधुनिक वाणिज्यिक परिसरों का नर्माण यहां हुआ है। वर्ली, जो मुंबई में स्थित 36 सीटों में से एक है, में प्रतिष्ठित बांद्रा-वर्ली सी लिंक और नेहरू सेंटर, नेहरू तारामंडल, हाजी अली दरगाह और महालक्ष्मी रेसकोर्स जैसे वास्तुशिल्प लैंडमार्क हैं। ठाकरे ने कहा था कि वह निर्वाचन क्षेत्र को "विकास का मॉडल" बनाना चाहते हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान उनके कई पोस्टर अलग-अलग भाषाओं में निर्वाचन क्षेत्र में लगाए गए थे। यह एक संकेत था कि शिवसेना गैर-मराठी मतदाताओं तक भी पहुंचना चाहती हैं। मराठी में बैनर के अलावा, अंग्रेजी में पोस्टर पर लिखा था: "हैलो वर्ली", जबकि गुजराती और उर्दू में क्रमशः "केम छो वर्ली" और "सलाम वर्ली" जैसे शब्दों का उपयोग किया गया।
उर्दू पोस्टरों में आदित्य ठाकरे की तस्वीर और उस भाषा में लिखे संदेश के साथ एक हरे रंग के बैकग्राउंड का उपयोग किया गया था। इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व 1990 से 2004 तक शिवसेना नेता दत्ता नलावडे ने किया था। लेकिन, 2009 में NCP के सचिन अहीर ने MNS के वोट विभाजन के कारण सीट पर कब्जा कर लिया था।
अपने दादा की तरह आदित्य एक प्रकाशित लेखक भी हैं। उन्होंने 2007 में अपनी पहली पुस्तक "माय थॉट्स इन ब्लैक एंड व्हाइट" प्रकाशित की। 2008 में उन्होंने एक प्राइवेट एलबम भी रिलीज किया था। 2014 के राज्य चुनावों में, शिवसेना के सुनील शिंदे ने वर्ली से 23, 012 वोटों से एनसीपी के सचिन अहीर के खिलाफ जीत दर्ज की थी।