चुनाव से पहले कांग्रेस में बगावत, निरुपम बोले- लगता है अब पार्टी को मेरी जरुरत नहीं
चुनाव से पहले कांग्रेस में बगावत, निरुपम बोले- लगता है अब पार्टी को मेरी जरुरत नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंदरुनी कलह खुलकर सामने आ गई है। टिकट बंटवारे से नाराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने गुरुवार को कहा कि वह पार्टी के चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि "मुझे उम्मीद है कि पार्टी को अलविदा कहने का दिन अभी नहीं आया है। लेकिन जिस तरह से नेतृत्व मेरे साथ व्यवहार कर रहा है, वह दिन दूर नहीं लगता।" उधर, हरियाणा में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने भी इलेक्शन कैंपेन से जुड़ी सभी समितियों से इस्तीफा दे दिया है।
संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा, "ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी अब मेरी सेवाएं नहीं चाहती है। मैंने विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में सिर्फ एक नाम की सिफारिश की थी। सुना है कि इसे भी खारिज कर दिया गया है। जैसा कि मैंने पहले नेतृत्व को बताया था, उस स्थिति में मैं चुनाव प्रचार में भाग नहीं लूंगा। यह मेरा अंतिम निर्णय है।" बता दें कि इस साल मार्च में, निरुपम को पार्टी की मुंबई यूनिट के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और उनकी जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा को नियुक्त किया गया था।
I hope that the day has not yet come to say good bye to party. But the way leadership is behaving with me, it doesn’t seem far away. https://t.co/B07biJWp5M
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) October 3, 2019
It seems Congress Party doesn’t want my services anymore. I had recommended just one name in Mumbai for Assembly election. Heard that even that has been rejected.
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) October 3, 2019
As I had told the leadership earlier,in that case I will not participate in poll campaign.
Its my final decision.
मध्य और दक्षिण नागपुर से भी कांग्रेस में बगावत हो गई है। टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस पार्षद रमेश पुणेकर ने मध्य नागपुर व प्रमोद मानमोडे ने दक्षिण नागपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। मानमोडे ने गुरुवार को निर्दलीय तौर पर नामांकन भरा। वहीं पार्षद पुणेकर शुक्रवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरेंगे। कांग्रेस से बगावत करनेवाले पार्षद पुणेकर का कहना है कि पार्टी ने हलबा समाज के साथ अन्याय किया है। पार्टी को इसका नुकसान होगा।
उनका दावा है कि समाज के अधिकांश वोट उनकी झोली में पड़ेंगे। क्षेत्र में किए गए विकास कार्य व सभी समाज को साथ लेकर चलने की प्रवृत्ती से उन्हें जनता साथ देगी। उन्होंने दावा किया कि वे अब पीछे नहीं हटेंगे। पार्टी चाहे तो बाहर कर सकती है। कांग्रेस यहां अब टक्कर में नहीं है और उनकी सीधी टक्कर भाजपा से होगी। पुणेकर पहले भाजपा की टिकट पर पार्षद बने थे। भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस की टिकट पर पार्षद बने थे।
पिछले महीने, कांग्रेस की एक और नेता उर्मिला मातोंडकर ने मुंबई कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उर्मिला ने कहा था कि "मेरी राजनीतिक और सामाजिक संवेदनाएं बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए हैं, लेकिन मुंबई कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति के कारण मैं ऐसा कर नहीं पा रही हूं। 44 वर्षीय अभिनेत्री मार्च में पार्टी में शामिल हुई थी और लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि वह चुनाव में बुरी तरह हार गई थी। मुंबई के पूर्व पार्टी प्रमुख कृपाशंकर सिंह ने भी कुछ दिन पहले पार्टी छोड़ दी। कृपाशंकर सिंह ने अनुच्छेद 370 पर पार्टी के अलग रुख के चलते इस्तीफा दिया था।
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं, जिसपर 21 अक्टूबर को मतदान होना है। मतगणना 24 अक्टूबर को होगी। नॉमिनेशन भरने की आखिरी तारीख 4 अक्टूबर है और नामांकन वापस लेने की तारीख 7 अक्टूबर है। एनसीपी और कांग्रेस दोनों ने घोषणा की है कि वे 125 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और बाकी 38 सीटें अन्य गठबंधन सहयोगियों के लिए होंगी। पिछले विधानसभा चुनावों में, दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्होंने बहुत बुरा प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने 287 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 42 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि एनसीपी 278 में से सिर्फ 41 सीटें जीत सकी थी।
उधर, हरियाणा में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तंवर का आरोप है कि कांग्रेस ने पुराने लोगों को नजरअंदाज करके नए शामिल होने वाले लोगों को टिकट दिया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने 5 करोड़ रुपये टिकट बेचने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "पांच साल तक हमें कांग्रेस को खून-पसीना बहाया। हरियाणा का नेतृत्व खत्म हो चुका है। हम पार्टी के लिए समर्पित रहे लेकिन टिकट उन्हें दिया जा रहा है जो पहले कांग्रेस की आलोचना करते थे और हाल ही में पार्टी में शामिल हो गए।" उन्होंने कहा, "हमने पार्टी का वोट शेयर 5-6% तक बढ़ाया इसके बावजूद लोग हमारे नेतृत्व पर सवाल उठाते हैं।"