आज से दर्शन के लिए खुलेगा सबरीमाला मंदिर, महिलाओं को सुरक्षा नहीं देगी सरकार
आज से दर्शन के लिए खुलेगा सबरीमाला मंदिर, महिलाओं को सुरक्षा नहीं देगी सरकार
डिजिटल डेस्क,तिरूवनंतपुरम। सबरीमाला मामले में सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच में भेजे जाने के शीर्ष अदालत के फैसले के बाद आज(शनिवार) भगवान अयप्पा मंदिर खुलेगा। केरल सरकार ने आदेश दिया है कि जो महिलाएं मंदिर में प्रवेश करना चाहती है उन्हें अदालती आदेश लेकर आना होगा। वहीं केरल के मंत्री सुरेंद्रन ने कहा कि राज्य सरकार उन महिलाओं को सुरक्षा नहीं देगी जिन्होंने मंदिर में प्रवेश करने का ऐलान किया है।
36 महिलाओं ने कराया ऑनलाइन पंजीकरण
सबरीमाला का दो महीने लंबा सीजन रविवार से शुरू हो रहा है, ऐसे में मंदिर की ऑनलाइन बुकिंग सुविधा के जरिए 36 महिलाओं ने पंजीकरण कराया है। यह पंजीकरण सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार के फैसले से पहले हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर व दूसरी धार्मिक जगहों पर महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को गुरुवार को सात न्यायाधीशों की बड़ी पीठ को भेज दिया।शीर्ष कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 28 सितंबर 2018 के फैसले पर कोई स्टे नहीं है, जिसमें 10 व 50 आयु के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के प्रतिबंध को हटा दिया गया है। इसके मायने हैं कि सभी आयु वर्ग की महिलाएं बड़ी पीठ का फैसला आने तक मंदिर की यात्रा कर सकती हैं। बीते सीजन में प्रतिबंधित आयु वर्ग की 740 महिलाओं ने पंजीकरण कराया था।
महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लिंगभेद नहीं
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दायर पुनर्विचार याचिकाओं को संवैधानिक पीठ को सौंपे जाने के फैसले का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) ने स्वागत किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गुरुवार को आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने संगठन की तरफ से जारी बयान में कहा, हम सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पुनर्विचार याचिका को स्वीकार करने तथा मामले को बड़ी संवैधानिक पीठ के पास भेजने का स्वागत करते हैं।संघ ने आगे अपने बयान में कहा, परंपराओं और रीति-रिवाजों से जुड़े मामले आस्था और विश्वास के मुद्दे हैं। सबरीमला मंदिर में एक विशेष आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध से लिंग असमानता या भेदभाव का कोई संबंध नहीं है, तथा यह प्रतिबंध केवल देवता की विशिष्टता के कारण है।