सीडीएस बिपिन रावत की उड़ान से पहले हुई थी रूट की रेकी!
हेलिकॉप्टर क्रैश सीडीएस बिपिन रावत की उड़ान से पहले हुई थी रूट की रेकी!
- वायुसेना की ओर से उस रूट पर टोही विमान भेजे गए?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर के पास बुधवार 8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत उनकी पत्नी और अन्य 11 सैन्य अधिकारियों का निधन हो गया। घटना के बाद अब हेलीकॉप्टर को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। उड़ान भरने से पहले क्या वायुसेना की ओर से उस रूट पर टोही विमान भेजे गए थे इसको लेकर बहस जारी है।
सीडीएस हेलिकॉप्टर उड़ान से पहले भारतीय वायु सेना ने पूरे रूट की रेकी की थी या नहीं, इसे लेकर अलग-अलग खबरें सामने आ रही हैं। जिससे कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 14 लोगों को लेकर हेलिकॉप्टर ने सुलूर एयरबेस से सुबह 11:48 पर उड़ान भरी थी और उसे वेलिंगटन के हेलिपैड पर 12:15 बजे लैंडिंग करनी थी। लेकिन इससे कुछ मिनट पहले ही 12:08 पर विमान क्रैश हो गया और चाय बागानों के बीच एक जंगल में जा गिरा।
सुलूर एयरबेस अधिकारियों के अनुसार वायुसेना के दो चॉपर्स को रूट को स्काउट करने के लिए भेजा गया था। किसी भी वीआईपी फ्लाइट से पहले यह प्रोटोकॉल होता ही है। छाए हुए बादल खराब मौसम और धुंध थी। ऐसे में ये अनुमान लगाना स्वभाविक है कि यदि रूट की रेकी की जाती तो शायद जनरल बिपिन रावत की उड़ान को अनुमति न मिलती। सुलूर बेस का कहना है सीडीएस प्रमुख बिपिन रावत और उनकी पत्नी के हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने से पहले वायुसेना की ओर उस रूट पर खोजी विमान भेजे गए थे। इसपर विरोधाभासी रिपोर्ट जारी है।
वहीं मद्रास रेजिमेंटल सेंटर के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इन सब दावों को खारिज करते है। उनका कहना है कि एमआई एक भरोसेमंद विमान है। ऐसे में चॉपर्स से रूट की रेकी करना का सवाल ही नहीं होता टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सुलूर एयर बेस के एक अधिकारी ने कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत नीलगिरि के मौसम का अनुमान लगाने के लिए वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों को रूट का स्काउट करने के लिए भेजा गया था। हालांकि अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा हम यकीन के साथ यह नहीं कह सकते हैं कि हेलिकॉप्टर वेलिंगटन हेलीपैड पर उतरे या बिना लैंडिंग के लौट आए।