धनिया की तरह इस्तेमाल होने वाले पौधे में वैज्ञानिकों को मिल गई कोरोना की दवा, एसिड से ठीक होंगी कई बीमारियां
मसालों में मौजूद कोरोना की दवा धनिया की तरह इस्तेमाल होने वाले पौधे में वैज्ञानिकों को मिल गई कोरोना की दवा, एसिड से ठीक होंगी कई बीमारियां
- रोजमेरी में कार्नोसिक एसिड होता है
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। पूरे विश्व में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच शोधकर्ताओं ने इसे रोकने के लिए एक आसान और कम लागत वाला इलाज खोज निकला है। शोधकर्ताओं का दावा है कि गुलमेंहदी में मौजूद एक तत्व कोविड -19 संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है और उन्होंने इसके लिए सुझाव दिया है कि कोविड -19 के सस्ते, सुरक्षित और प्रभावी उपचार के रूप में गुलमेंहदी में मौजूद इस तत्व की जांच होनी चाहिए। ताकि ये अंदाजा लगाया जा सके कि महामारी के खिलाफ ये कितनी कारगर है।
वरिष्ठ लेखक और स्क्रिप्स रिसर्च के प्रोफेसर स्टुअर्ट लिप्टन ने पीटीआई के हवाले से कहा, "हमें लगता है कि कार्नोसिक एसिड (कंपाउंड), या इससे बनने वाले दूसरे तत्व (derivative), कोविड-19 और कुछ अन्य सूजन संबंधी विकारों के लिए संभावित सस्ते, सुरक्षित और प्रभावी उपचार के रूप में जांच के लायक है।"
रोजमेरी मेडिटरेनीयन सागर (Mediterranean Sea) के जंगलो में पाई जाने वाली एक जंगली सदाबहार झाड़ी है और इसका इस्तेमाल अब दुनिया भर में एक सजावटी पौधे, औषधीय और कॉस्मेटिक उपयोगों के लिए किया जाता है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने क्या पाया
प्रारंभिक अध्ययन के आधार पर, शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया कि कार्नोसिक एसिड, SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन और रिसेप्टर प्रोटीन ACE2 के बीच अवरोधक का काम कर सकता है। ये रिसर्च स्टडी एंटीऑक्सिडेंट्स मैगजीन में प्रकाशित की गई है।
स्पाइक प्रोटीन का उपयोग SARS-CoV-2 वायरस द्वारा सेल्स को संक्रमित करने के लिए किया जाता है, जबकि ACE2 सेल्स में प्रवेश करने के लिए प्रवेश द्वार (gateway) का काम करता है।
अन्य अध्ययनों में क्या पाया गया
पहले की स्टडीज में पाया गया है कि कार्नोसिक एसिड एक प्रभावी कंपाउंड है जिसका उपयोग कोविड -19 के साथ-साथ अल्जाइमर सहित अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।
2016 के एक अध्ययन में, लिप्टन और उनकी टीम ने पाया कि रोजमेरी में पाया जाने वाला कार्नोसिक एसिड एक एंटीऑक्सिडेंट सिग्नलिंग पाथवे को सक्रिय करता है जिसे Nrf2 कहा जाता है।
इस दौरान उन्हें इस बात के प्रमाण मिले कि यह मार्ग उस बीमारी के माउस मॉडल में अल्जाइमर जैसे लक्षणों को कम करता है, जिसे मस्तिष्क की सूजन के लिए जाना जाता है।
शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि यह प्रभाव कोविड -19 में देखी गई सूजन के खिलाफ फायदेमंद हो सकता है क्योंकि कुछ मामलों में पोस्ट कोविड जटिलताएं देखने को मिली हैं, जिसमें सोचने-समझने की शक्ति पर असर पड़ता है, जिसे "ब्रेन फॉग" कहते हैं।