दुनियाभर से मिट्टी नीति पर आ रही प्रतिक्रिया : सद्गुरू

गोवा दुनियाभर से मिट्टी नीति पर आ रही प्रतिक्रिया : सद्गुरू

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-24 07:00 GMT
दुनियाभर से मिट्टी नीति पर आ रही प्रतिक्रिया : सद्गुरू
हाईलाइट
  • समाधान का हिस्सा

डिजिटल डेस्क, पणजी। सद्गुरू जगदीश वासुदेव ने कहा कि मिट्टी के हेल्थ की नीति पर दुनियाभर से प्रतिक्रिया आ रही है। लोगों को अपनी आवाज बुलंद करते रहना चाहिए।

उन्होंने ये बातें मंगलवार को गोवा सरकार के साथ मिट्टी बचाओ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान कही। सद्गुरू ने कहा, हर कोई इस समस्या (मिट्टी की उर्वरकता में कमी) का हिस्सा है। जाने अनजाने में सभी ने इसमें योगदान दिया है, और अब इसे हल करने का एकमात्र तरीका यह है कि हमें समाधान का हिस्सा बनना होगा।

उन्होंने कहा, तुम जो शरीर धारण करते हो वह मिट्टी है। तुम जो कपड़े पहनते हो वह मिट्टी है। आप जिस कुर्सी पर बैठते हैं, वह मिट्टी है। हमने धरती से जो कुछ खोदा है, वह मिट्टी है। क्या तुम मंगल से कुछ लाए हो? आपके भौतिक शरीर से लेकर हम जो कुछ भी उपयोग करते हैं वह मिट्टी से आया है और हम भूल ही गए कि यही हमारे जीवन का स्रोत है। हमने इसे एक संसाधन के रूप में मानना शुरू कर दिया। जिस क्षण आप स्रोत को एक संसाधन के रूप में मानते हैं, वहां एक अपवित्रता आ जाती है, जो हमें बहुत पीड़ा देती है।

सद्गुरु ने मिट्टी को खरबों प्रजातियों के जीवन के साथ सबसे बड़ी जीवित प्रणाली बताया। उन्होंने कहा, दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिक स्वीकार कर रहे हैं कि वे मिट्टी में मौजूद एक प्रतिशत से भी कम प्रजातियों को जानते हैं, जब आप केवल एक प्रतिशत जानते हैं, तो आपको इसके साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।

सद्गुरू ने कहा, मिट्टी बचाओ विरोध या आंदोलन नहीं है। यह जीवन के प्रति हमारे प्यार और जिम्मेदारी की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा, 1950 से पहले, इस देश और दुनिया के कई हिस्सों में भीषण अकाल पड़ा था। एक बार फिर हम दुनिया को अकाल की ओर ले जा रहे हैं। अकाल मरने का सबसे खराब तरीका है, युद्ध बेहतर है क्योंकि आप गोली से मारे जाते हैं। अकाल धीरे धीरे आपको मारता है, इससे इंसान को मरने में तीन से चार महीने लगेंगे।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Tags:    

Similar News