वायनाड की जनता का आभार जताने पहुंचे राहुल, कार्यकर्ताओं के साथ पी चाय
वायनाड की जनता का आभार जताने पहुंचे राहुल, कार्यकर्ताओं के साथ पी चाय
- 8 जून को भी करेंगे वायनाड का दौर
- जनता के प्यार और सम्मान के लिए किया धन्यवाद
- जीत के बाद राहुल गांधी पहली बार वायनाड पहुंचे
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के दौरे पर पहुंचे हैं। राहुल जीत के बाद पहली बार वायनाड की जनता को धन्यवाद कहने आए हैं। वायनाड दौरे में राहुल ने वहां की एक प्रसिद्ध दुकान पर कार्यकर्ताओं के साथ चाय भी पी। राहुल गांधी के वायनाड ऑफिस ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि राहुल 7 से 8 जून तक वायनाड में ही रहेंगे। इस दौरान वे वायनाड के सभी सातों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करेंगे।
നിയുക്ത വയനാട് എം.പി, കോൺഗ്രസ്സ് അധ്യക്ഷൻ @RahulGandhi മൂന്ന് ദിവസത്തെ സന്ദർശനത്തിനായി കരിപ്പൂർ വിമാനത്താവളത്തിലെത്തി
— Rahul Gandhi - Wayanad (@RGWayanadOffice) June 7, 2019
Congress President @RahulGandhi arrives at Calicut airport for a three day visit after being elected as the MP from Wayanad. #RahulGandhiWayanad pic.twitter.com/1mffkT2X3n
बता दें कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 में अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ा था। यहां उन्होंने 4,31,770 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की थी। वहीं अमेठी लोकसभा सीट पर उन्हें बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया और पार्टी 17 राज्यों में अपना खाता भी नहीं खोल सकी थी। इस चुनाव में पार्टी के 12 पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व प्रधानमंत्री चुनाव में हार गए थे। लोकसभा चुनाव 2019 में करारी हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी हालांकि उनके इस्तीफे को पार्टी ने मंजूरी नहीं दी गई थी।
चुनावी हार स्वीकार करने के बाद ट्वीट कर कहा था कि भले ही कांग्रेस पार्टी के महज 52 सांसद हों, लेकिन हम अपने संविधान की रक्षा के लिए बहादुर दिल शेरों की तरह मिलकर काम करेंगे। हम निडर होकर मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर अपना कर्तव्य निभाएंगे। बीजेपी को संसद में कोई वॉकओवर नहीं मिलेगा। हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पार्टी के लिए कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया। कांग्रेस के पास विपक्षी दल का नेता बनने के लिए 55 सीटों का आंकडा भी हासिल नहीं है।